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UP Election 2022: गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार अंसारी को रिहा करने का आदेश, क्या बदलेगा मऊ का सियासी समीकरण?

मऊ जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र से 1996 से लगातार पांच बार बाहुबली मुख्तार अंसारी विधायक निर्वाचित हुए हैं. इस बार चुनाव में मुख्तार अंसारी के स्थान पर उनके बेटे अब्बास अंसारी ने नामांकन भरा है. एक दौर था जब यूपी की राजनीति में बाहुबली नेताओं का बोलबाला हुआ करता था. लेकिन...

UP Chunav 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में आपराधिक छवि के नेता लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. एक तरफ पार्टियां माफिया नेताओं को लेकर एक दूसरे पर निशाना साध रहीं हैं, वहीं अंदर खाने सभी पार्टियों ने बाहुबली नेताओं को टिकट भी दिया है. इसके पीछे का कारण इन नेताओं के जीतने की गारंटी और अकूत धन ही है, जोकि पार्टियों को न चाहते हुए भी टिकट देना पड़ता है. इस क्रम में आज हम बात करने जा रहे हैं बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत के बाद क्या बदल जाएगा मऊ का सियासी समीकरण…

लगातार 5 बार विधायक निर्वाचित हुए मुख्तार

मऊ जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र से 1996 से लगातार पांच बार बाहुबली मुख्तार अंसारी विधायक निर्वाचित हुए हैं. इस बार चुनाव में मुख्तार अंसारी के स्थान पर उनके बेटे अब्बास अंसारी ने नामांकन किया है. एक दौर था जब यूपी की राजनीति में बाहुबली नेताओं का बोलबाला हुआ करता था. लेकिन समय के साथ राजनीति भी बदल चुकी है. यूपी की योगी सरकार में न सिर्फ मुख्तार अंसारी बल्कि अन्य बाहुबली भी लगातार निशाने पर रहे, बीजेपी की कार्रवाई ने न सिर्फ माफियाओं को जेल में डाला बल्कि, इन नेताओं की अवैध संपत्ति और राजनीतिक क्षवि को भी ध्वस्त कर दिया.

क्या मऊ में खत्म हो चुका है मुख्तार का जनाधार?

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की बात करें तो मुख्तार के चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर तब विराम लग गया, जब उन्होंने अपनी जगह बेटे अब्बास अंसारी को चुनावी मैदान में उतार दिया. अब्बास को सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने मऊ सदर सीट से टिकट दिया है, जबकि ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी ने उनकी पत्नी को बतौर उम्मीदवार चुनावी रणभूमि में उतार दिया था. कुल मिलाकर सभी दलों ने मुख्तार से दूरी बनाकर रखी है. मऊ में मुख्तार के साथ आज के समय में कितना जनाधार है इसका फैसला तो 10 मार्च को ही हो सकेगा.

अब्बास अंसारी ने बताया क्यों किया नामांकन

मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्‍बास अंसारी ने सुभासपा के प्रत्याशी के रूप में मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. पर्चा भरने के बाद अब्‍बास अंसारी ने पत्रकारों से कहा, ‘प्रशासन मेरे पिताजी (मुख्तार अंसारी) के नामांकन में अड़चनें पैदा कर रहा है जिस वजह से मुझे पर्चा भरना पड़ा.’ मऊ विधानसभा सीट पर मतदान सातवें चरण में सात मार्च को होना है.

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मुख्तार अंसारी का मजबूत गढ़ माना जाता है मऊ

मऊ जिले की विधानसभा सीट मऊ सदर है. मऊ सदर सीट से बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी मौजूदा विधायक हैं. मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र मुख्तार अंसारी का मजबूत गढ़ है. मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार चार बार से विधायक हैं. बुनकर बहुल क्षेत्र होने के कारण मऊ बुनकरों का शहर भी कहा जाता है. यहां के बुनकरों का मुख्य व्यवसाय साड़ी उद्योग है.

अशोक सिंह और अब्बास अंसारी के बीच कांटे की टक्कर

मुख्ताक अंसारी को हत्या के एक मामले में जमानत जरूर मिल गई है, लेकिन वह अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. क्योंकि मुख्तार के खिलाफ अन्य कई मामले गंभीर धाराओं में लंबित हैं. भारतीय जनता पार्टी ने मऊ सदर सीट से अशोक सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. अशोक सिंह और अब्बास अंसारी के बीच इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही है.

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