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यूपी विधानसभा चुनाव: 23 जनवरी के बाद अमित शाह की UP में धमाकेदार एंट्री, बदल सकते हैं सियासी गणित

यूपी विधानसभा चुनाव 2022: अमित शाह के अगले सप्ताह से प्रदेश में कई बैठकें करने की संभावना है, क्योंकि पार्टी राज्य में सत्ता बनाए रखने के लिए अपने चुनावी अभियान को तेज करना चाहती है. शाह 23 जनवरी के बाद प्रदेश दौरे की शुरुआत करेंगे और वह संगठन के नेताओं के साथ बैठकें भी करेंगे.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022: यूपी में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 10 फरवरी से मतदान का आगाज होने जा रहा है. चुनाव से पहले सभी पार्टियां अधिक से अधिक वोटबैंक को अपने पाले में लाने के लिए जुटी हुई हैं. इस बीच बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित यूपी में एंट्री करने जा रहे हैं. शाह के अगले सप्ताह से प्रदेश में कई बैठकें करने की संभावना है, क्योंकि चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है, और पार्टी राज्य में अपने चुनावी अभियान को तेज करना चाहती है.

यूपी में अमित शाह की एंट्री 

वहीं, कोरोना के चलते निर्वाचन आयोग द्वारा जनसभा और रोड शो आयोजित करने पर 22 जनवरी रोक लगी हुई है. हालांकि, इस बीच बीजेपी समेत अलग-अलग पार्टियां पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करने में जुटी हैं. शाह शनिवार के बाद अपने उत्तर प्रदेश दौरे की शुरुआत करेंगे और वह संगठन के नेताओं के साथ बैठकें भी करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर प्रतिबंध लागू भी रहते हैं तो निर्वाचन आयोग ने कुछ शर्तों के साथ बंद जगहों पर बैठक करने की अनुमति दी है.

शाह को मिली वेस्ट यूपी की जिम्मेदारी

भाजपा ने बृज और पश्चिमी क्षेत्र की जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को दी है, इससे पहले शाह जन विश्वास यात्रा के समापन समारोह में बरेली पहुंचे थे. यहां ब्रज क्षेत्र के 19 जिलों की 66 सीट और पश्चिमी क्षेत्र की 14 जिलों की 71 सीटों को लेकर रणनीति बनी. यह दोनों क्षेत्र वेस्ट यूपी में है, जिसमें 136 सीट आती हैं. शाह ने यूपी की 136 विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने का प्लान तैयार किया. इसमें से भाजपा के पास वर्तमान में 108 सीट हैं, लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी 28 सीट सपा और बसपा से हार गई थी. पुरानी सीटों पर जीत कायम रखने के साथ ही 28 सीटों पर भी कब्जा जमाने के लिए भाजपा के चाणक्य ने प्रयास शुरू कर दिए हैं.

बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है वेस्ट यूपी?

दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन ने पहले ही बीजेपी के खिलाफ माहौल बना दिया है. इसके अलावा मेरठ और अलीगढ़ के बाद वेस्ट यूपी के अलग-अलग इलाकों में सपा-रालोद का गठबंधन बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह उन्हीं मुद्दों को उठा रहे हैं, जिन्हें लेकर यहां का किसान पहले से ही बीजेपी के खिलाफ है.

बीजेपी की लिस्ट में 44 ओबीसी और 19 एससी

बीजेपी के खिलाफ ओबीसी वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी ने काट निकाल लिया है. बीजेपी एक तरफ जहां दलितों और ओबीसी को लुभाने की कोशिश कर रही है, वहीं जाट वोट बैंक पर भी बीजेपी का पूरा ध्यान है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के दिग्गज नेता जल्द ही जाट नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. इसके अलावा बीजेपी के उम्मीदवारों में 44 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, जबकि 19 अनुसूचित जाति से हैं. दोनों वर्गों को मिलाकर यह आंकड़ा कुल घोषित उम्मीदवारों का 60 प्रतिशत है. इस तरह से देखा जाए तो बीजेपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की भरपाई कर ली है.

किस वर्ग के कितने उम्मीदवार

बीजेपी की 107 प्रत्याशियों की लिस्ट को अगर वर्ग के आधार पर देखें तो इसमें सामान्य वर्ग के लिए दस सीटों पर ब्राह्मण, सत्तरह सीटों पर ठाकुर, आठ सीटों पर वैश्य, तीन पर पंजाबी, दो पर त्यागी और दो कायस्थ वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इसके अलावा 44 ओबीसी प्रत्याशियों में सोलह जाट, सात गुर्जर, छ लोधी, पांच सैनी, एक मौर्य, दो शाक्य, एक खडागबंशी, एक कुर्मी, एक कुशवाहा, एक प्रजापति, एक यादव और एक निषाद वर्ग के उम्मीदवार को टिकट दिया है.

10 फरवरी को पहले चरण के लिए वोटिंग

उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. इसके बाद दूसरे चरण के लिए 14 फरवरी, तीसरे 20 फरवरी, चौथे 23 फरवरी, पांचवे 27 फरवरी, छठे 3 मार्च और सातवें चरण के लिए 7 मार्च को वोटिंग होगी. 10 मार्च को मतगणना होगी.

Posted By Sohit Kumar

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