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Nagaland Meghalaya Election: मेघालय-नगालैंड में मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न, कहीं से पुनर्मतदान की मांग नहीं

Nagaland Meghalaya Election: निर्वाचन आयोग ने कहा कि मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनावों के लिए मतदान सोमवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. दोनों पूर्वोत्तर राज्यों से पुनर्मतदान की कोई मांग नहीं आयी है.

Nagaland Meghalaya Election 2023: निर्वाचन आयोग (EC) ने कहा कि मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनावों के लिए मतदान सोमवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. आयोग ने साथ ही यह भी कहा कि दोनों पूर्वोत्तर राज्यों से पुनर्मतदान की कोई मांग नहीं आयी है.

दोनों राज्यों में 59 सीटों पर हुआ मतदान

निर्वाचन आयोग ने बताया कि दोनों राज्यों में 60 विधानसभा सीटें हैं, जबकि प्रत्येक राज्य में 59 सीटों पर मतदान हुआ. मेघालय की सोहियोंग सीट पर मतदान एक उम्मीदवार के निधन के कारण स्थगित कर दिया गया. चूंकि, नगालैंड में अकुलुतो सीट के लिए केवल एक उम्मीदवार था, इसलिए वहां चुनाव कराने की आवश्यकता नहीं थी.

शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ मतदान

आयोग ने कहा कि मेघालय में 3,419 मतदान केंद्रों और नगालैंड में 2,291 मतदान केंद्रों पर मतदान आज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व वाले आयोग द्वारा अग्रिम योजना और व्यापक निगरानी ने दोनों राज्यों में बिना किसी गड़बड़ी के सुचारू रूप से चुनाव सुनिश्चित किया. साथ ही 5,710 मतदान केंद्रों में से किसी में भी फिर से मतदान की सूचना नहीं है.

नगालैंड में 2018 में 11 और मेघालय में एक जगह हुआ था पुनर्मतदान

नगालैंड में 2018 में, 11 और मेघालय में एक जगह पुनर्मतदान हुआ था. तमिलनाडु में इरोड (पूर्व) विधानसभा सीट और पश्चिम बंगाल में सागरदिघी सीट पर भी मतदान हुआ था, जहां विधायकों के निधन के कारण रिक्त सीटों पर उपचुनाव कराया गया. साथ ही झारखंड में रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव कराया गया जहां के विधायक को अयोग्य ठहरा दिया गया था. महाराष्ट्र की कस्बा पेठ और चिंचवड़ विधानसभा सीटों पर रविवार को मतदान हुआ था. अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के लुमला सीट के लिए भी मतदान नहीं कराया गया. निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार शेरिंग ल्हामू को शुक्रवार को बिना किसी मुकाबले के विधायक निर्वाचित घोषित कर दिया गया था. पूर्व विधायक जम्बे ताशी की पत्नी शेरिंग ल्हामू एकमात्र उम्मीदवार थीं जिन्होंने इस सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में अपना नामांकन दाखिल किया था. पिछले साल नवंबर में उनके पति के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था.

मेघालय में 74 ऐसे मतदान केंद्र थे, जहां नहीं जा सकता था कोई वाहन

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मेघालय के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए उसकी ओर से सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी, जिसमें पर्वतीय इलाकों, नदियों को पार करके और दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए यात्रा करने की जरूरत पड़ती है. 74 ऐसे मतदान केंद्र थे जहां कोई वाहन नहीं जा सकता था. गारो पर्वतीय क्षेत्र में ऐसे कई मतदान केंद्र थे, जहां मतदान दलों को अस्थायी बांस के पुल और डबल डेकर रूट पुल से होकर गुजरना पड़ा. कुमार ने मतदान टीमों के महत्वपूर्ण प्रयासों की प्रशंसा की जिन्होंने इस तरह के कठिन इलाकों में पहुंचे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी मतदाता छूट न जाए. मेघालय के पश्चिम गारो पर्वतीय जिले में ड्यूटी के दौरान सड़क दुर्घटना में मारे गए एक मतदान अधिकारी के परिवार को 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई.

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