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धनबाद में बड़ा हादसा, अवैध कोयला खनन के दौरान 8-10 लोगों की दर्दनाक मौत, पुलिस जांच में जुटी

धनबाद के निरसा में अवैध कोयले खनन के दौरान 8 से 10 लोगों की मौत हो गयी है, जिसमें कई लोग घायल हो गये. ये दुर्घटना चालकर के गिरने की वजह से हुई. कई लोगों का इलाज वहां के निजी नर्सिंग होम में चल रहा है

Jharkhand News, Dhanbad News धनबाद : धनबाद के निरसा प्रखंड के इसीएल मुगमा एरिया में कोयला खनन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. दरअसल 20 फीट ऊपर की ऊंचाई से चालकर गिरने के कारण 8-10 लोगों की मौत हो गयी है, जबकि दर्जन भर से ज्यादा लोगों की इसमें दबने की अशंका व्यक्त की जा रही है. आनन फानन में कुछ लोगों को बाहर निकाल लिया गया है, जबकि कुछ घायलों का इलाज वहां के निजी नर्सिंग होम में चल रहा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार हर दिन की तरह भारी संख्या में महिला, पुरुष कई समेत बच्चे अवैध उत्खनन करने के लिए मंगलवार की सुबह करीब 5 बजे आउटसोर्सिंग गए थे. जहां ईसीएल प्रबंधन द्वारा जहां ट्रेंच कटिंग किया गया था. लेकिन तभी अचानक 20 फीट के ऊपर से चालकर भर भराकर नीचे गिर गया जिसमें दर्जन भर से ज्यादा लोग इसमें दब गये. घटना की जानाकारी मिलने के निरसा पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली.

जिसके बाद कोयले से दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए जेसीबी मशीन से खुदाई करवाई गयी. इधर जैसे ही स्थानीय लोगों को इस घटना की जानकारी मिली लोग भारी संख्या में आउटसोर्सिंग पास जुट गये, हालांकि पुलिस और इसीएल प्रबंधन का इस बारे में कहना है कि इस हादसे में किसी की मौत नहीं हुई है

कापासाड़ा आउटसोर्सिंग की है जहां लोग अवैध उत्खनन के लिए सुबह करीब 7 बजे जुटे थे, लेकिन आधे घंटे के बाद वहां भी चाल भरभरा कर गिर गया. जिसमें मुगमा क्षेत्र के 3 लोगों की मौत हो गयी.

तीसरी घटना बीसीसीएल सीवी एरिया की है जहां अवैध कोयला खनन के दौरान 3 लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी है. इसमें कई महिलाओं के दबने की अशंका व्यक्त की जा रही है. बताया जाता है कि ये सभी लोग पतलाबाड़ी की है

ज्ञात हो कि हाल के कुछ वर्षों में ईसीएल बीसीसीएल क्षेत्र का आउटसोर्सिंग और अवैध उत्खनन स्थल का कुटीर उद्योग बन गया है. पेट की आग बुझाने के लिए महिला पुरुष बच्चे प्रतिदिन यहां अवैध उत्खनन करते हैं. इसके बाद उससे साइकिल स्कूटर मोटरसाइकिल एवं ट्रैक्टर के माध्यम से पूरे क्षेत्र के चिन्हित उद्योगों के अलावा नदी घाट के माध्यम से पश्चिम बंगाल के रघुनाथपुर और जामताड़ा भेजा जाता है.

अवैध उत्खनन से गरीबों को प्रतिदिन 500-1000 की रोजगार तो हो जाती है. लेकिन पांच हजार में कोयला खरीद कर उसे 9 हजार 10 हजार में कोयला माफियाओं द्वारा झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के मंडियों में ट्रक के माध्यम से भेजी जाती है. इससे कोयला माफिया कुछ दिनों के भीतर ही मालामाल हो जाते हैं.

रिपोर्ट- अरिंदम

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