27.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Mamata at Bolpur: ‘मैं मुख्यमंत्री नहीं, दीदी हूं’, आदिवासियों के गांव में बोलीं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी

Mamata at Bolpur: आदिवासी बहुल बल्लभपुर गांव में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने लोगों से कहा, ‘आमी मुख्यमंत्री नेई, दीदी.’ (मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं. मैं दीदी हूं). उन्होंने आदिवासियों से पूछा कि आपलोग सरकार के ‘दुआरे सरकार’ कार्यक्रम का लाभ ले रहे हैं कि नहीं. ममता ने यह भी पूछा कि उन्हें स्वास्थ्य साथी योजना का लाभ मिला या नहीं.

बोलपुर : पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. राज्य में जनाधार बढ़ाने के लिए भाजपा के बड़े नेताओं के लगातार दौरे हो रहे हैं, तो ममता बनर्जी गांव-गांव में घूमकर तृणमूल की सत्ता को बरकरार रखने की कोशिशों में जुटी हैं.

इन्हीं कोशिशों के तहत वह बीरभूम से कोलकाता लौटते समय एक गांव में पहुंच गयीं. आदिवासी बहुल बल्लभपुर गांव में तृणमूल सुप्रीमो ने लोगों से कहा, ‘आमी मुख्यमंत्री नेई, दीदी.’ (मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं. मैं दीदी हूं). उन्होंने आदिवासियों से पूछा कि आपलोग सरकार के ‘दुआरे सरकार’ कार्यक्रम का लाभ ले रहे हैं कि नहीं. ममता ने यह भी पूछा कि उन्हें स्वास्थ्य साथी योजना का लाभ मिला या नहीं.

इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार की ओर से जारी मुफ्त चावल-दाल योजना की सफलता के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने आदिवासियों से पूछा कि क्या उन्हें सरकार की इन योजनाओं का फायदा मिल रहा है. मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर आदिवासी बहुत खुश हुए. उनमें से एक ने बताया कि उसके परिवार का एक सदस्य मानसिक बीमारी से जूझ रहा है.

Also Read: पश्चिम बंगाल में सौरभ गांगुली होंगे भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार? दिलीप घोष ने दिया ये जवाब

ग्रामीण की समस्या सुनने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उसे आश्वासन दिया कि उसके परिवार को एक हजार रुपये भत्ता देने की व्यवस्था की जायेगी. अचानक इस तरह से एक गांव में मुख्यमंत्री के जाने और इस तरह से लोगों से बातचीत करने एवं अपनापन जताने को राजनीति और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से जोड़कर ही देखा जा रहा है.

कहा जा रहा है कि वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आदिवासियों के बीच इस तरह से मुख्यमंत्री का अचानक पहुंच जाना, बीरभूम जिला के आदिवासी वोटरों को रिझाने का एक तरीका है. ममता बनर्जी का उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के वोटरों को तृणमूल कांग्रेस की तरफ आकर्षित करना ही है. ज्ञात हो कि राज्य में अप्रैल-मई, 2021 में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.

Also Read: Shalimar Shootout: तृणमूल नेता की हत्या कर बिहार भाग रहे दो संदिग्ध बर्दवान से पकड़ाये, हावड़ा में तनाव

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें