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SSY Scheme: सुकन्या अकाउंट में कितना जमा है पैसा, ऑनलाइन करें चेक, जानें निवेश पर कितना मिलेगा रिटर्न

Sukanya Samriddhi Yojana की मैच्योरिटी 21 वर्ष में होती है. मगर, इसमें माता-पिता को केवल 15 वर्ष के लिए ही निवेश करना होता है. अगले छह वर्षों तक इसमें ब्याज की राशि जुड़ते रहती है.

Sukanya Samriddhi Yojana: केंद्र सरकार के द्वारा बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत की गयी है. सरकार के द्वारा इस योजना को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लाया गया है. इसमें निवेश एक तो पूरी तरह से सुरक्षित है. वहीं, इसमें निवेश करने पर मैच्योरिटी पर निवेशक को उनके निवेश से तीन गुना ज्यादा राशि मिलेगी. पोस्ट ऑफिस के द्वारा इसमें मिलने वाली ब्याज की रकम को बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दिया गया है. सुकन्या समृद्धि योजना की मैच्योरिटी 21 वर्ष में होती है. मगर, इसमें माता-पिता को केवल 15 वर्ष के लिए ही निवेश करना होता है. अगले छह वर्षों तक इसमें ब्याज की राशि जुड़ते रहती है.

सुकन्या समृद्धि योजना का अकाउंट बैलेंस कैसे चेक करें

सुकन्या समृद्धि योजना के अकाउंट बैलेंस की जांच करने के लिए सबसे पहले, सुकन्या समृद्धि योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://www.sukanyasamriddhiaccount.com/ पर जाएं. यहां आपके पास उपयुक्त आईडी और पासवर्ड के साथ लॉग इन करें जो आपने सुकन्या समृद्धि योजना के खाते को खोलते समय प्राप्त किया था. लॉग इन करने के बाद, आपके खाते की विवरण पृष्ठ पर आपका अकाउंट बैलेंस दिखाया जाएगा. यहां पर आपको खाते में उपलब्ध जमा राशि, उधारी राशि और कुल बैलेंस की जानकारी मिलेगी. आपके अकाउंट बैलेंस के साथ-साथ आपका त्रांजैक्शन इतिहास भी दिखाया जाएगा. आप यहाँ देख सकते हैं कि कब-कब आपने जमा या निकासी की है और कितनी राशि इसमें शेष है. आप अपने खाते के पीडीएफ स्टेटमेंट को भी डाउनलोड कर सकते हैं, जिससे आपको अधिक विस्तृत जानकारी मिल सके.

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एक लाख निवेश पर कितना मिलेगा रकम

सुकन्या समृद्धि योजना में अगर कोई निवेशक साल में एक लाख रुपये निवेश करता है तो 15 वर्षों में उसके निवेश की राशि 15,00,000 रुपये होती है. ऐसे में 21 साल की मैच्योरिटी पर कुल रकम 44,89,690 रुपये तक मिल सकती है. इस राशि में सरकार के द्वारा कुल निवेश पर ब्‍याज के रुप में निवेशक को 29,89,690 रुपये मिलने वाले हैं. इसे ऐसे समझा जा सकता है निवेश की रकम गुना तीन 15,00,000×3= 45,00,000. ऐसे में कहा जा सकता है कि निवेशक को मैच्योरिटी पर निवेश का लगभग तीन गुना ज्यादा राशि मिलेगा.

पैसे निकालने के लिए मैच्योरिटी का नहीं करना होगा इंतजार

आप अपनी जिस बेटी के नाम से निवेश करते हैं, उसके 18 वर्ष पूरे होने के बाद, शादी के लिए पैसा लेना चाहें तो सरकार आपको पैसा दे सकती है. निवेशक बच्ची की 18 वर्ष की आयु के बाद 50 प्रतिशत रकम निकाल सकते हैं. इसके साथ ही, निवेशक अगर चाहे तो खाता शुरू होने के पांच वर्ष के बाद उसमें से अपनै पैसे कुछ विशेष परिस्थितियों में निकाल सकता है. जैसे खाताधारक की अचानक मृत्यु होने, अभिभावक की मौत होने, खाताधारक को गंभीर बीमारी होने या अकाउंट जारी रखने में असमर्थ होने पर.

सुकन्या समृद्धि स्कीम में कब कब कितना ब्याज

1 अप्रैल, 2014: 9.1%

1 अप्रैल, 2015: 9.2%

1 अप्रैल, 2016 -30 जून, 2016: 8.6%

1 जुलाई, 2016 -30 सितंबर, 2016: 8.6%

1 अक्टूबर, 2016-31 दिसंबर, 2016 : 8.5%

1 जुलाई, 2017-31 दिसंबर, 2017 : 8.3%

1 जनवरी, 2018- 31 मार्च, 2018 : 8.1%

1 अप्रैल, 2018- 30 जून, 2018 : 8.1%

1 जुलाई, 2018- 30 सितंबर, 2018 : 8.1%

1 अक्टूबर, 2018- 31 दिसंबर, 2018 : 8.5%

1 जनवरी, 2019- 31 मार्च, 2019 : 8.5%

1 जनवरी, 2020 -31 मार्च, 2020 : 8.4%

1 अप्रैल, 2020-30 जून, 2020: 7.6%

1 जनवरी, 2023 -31 मार्च, 2023: 7.6%

1 अप्रैल 2023 से अबतक: 8%

सुकन्या समृद्धि योजना क्या है

सुकन्या समृद्धि योजना एक बचत और निवेश योजना है जिसे भारत सरकार ने बेटियों की आर्थिक स्वतंत्रता और शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की है. इस योजना के माध्यम से परिवारों को उनकी बेटियों के लिए निवेश करने की सुविधा प्रदान की जाती है ताकि उनकी आधुनिक शिक्षा और भविष्य की योजनाओं की समर्थन किया जा सके. योजना के अंतर्गत सिर्फ वो बच्ची शामिल हो सकती है जिनकी उम्र योजना खाते खोलने के समय 10 वर्ष तक होती है. योजना के अंतर्गत निवेशकों को प्रति वर्ष निवेश करने की स्वतंत्रता होती है और यह योजना 21 वर्ष तक चलती है. सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश की शुरुआती राशि मिनिमम राशि से आगे नहीं हो सकती है और सालाना निवेश की श्रेणियों में न्यूनतम और अधिकतम राशियों की सीमा होती है. योजना की ब्याज दर वार्षिक आधार पर निर्धारित की जाती है और यह आयकर की प्राधिकृत श्रेणियों के अनुसार वित्तीय प्रतिक्रिया के साथ दी जाती है. योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों की शिक्षा, पठन-लेखन, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता को समर्थन देना है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत किए गए निवेश पर आयकर लाभ प्रदान किया जाता है, जो कि नियमों के अनुसार होता है.

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