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रूस-यूक्रेन संकट और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से शेयर बाजार की चाल बिगड़ी, इतना गिरा सेंसेक्स

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक- सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 527.72 अंक बढ़कर 55,996.62 के स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स ने अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी

मुंबई: रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine Crisis) और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से शेयर बाजार (Share Market News) चाल बिगड़ गयी. शुरुआती बढ़त के बावजूद शेयर बाजार का सेंसेक्स (Sensex) 366.22 अंक गिरकर बंद हुआ. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष (Russia-Ukraine War) के बीच कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Prices) में तेजी के चलते निवेशकों की धारणा प्रभावित होने से सेंसेक्स ही नहीं, निफ्टी (Nifty) ने भी बृहस्पतिवार को शुरुआती बढ़त गंवा दी और नुकसान में बंद हुए.

कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर पहुंची

पश्चिमी देशों के रूस पर प्रतिबंध कड़े करने से आपूर्ति बाधित होने की आशंका से कच्चे तेल की कीमतें 120 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गयीं. वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन में रूस की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कारोबारियों ने कहा कि कमजोर रुपये और विदेशी कोषों के लगातार बाहर जाने से भी बाजार धारणा कमजोर हुई.

निफ्टी 108 अंक गिरकर हुआ बंद

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक- सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 527.72 अंक बढ़कर 55,996.62 के स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स ने अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी और 366.22 अंक या 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,102.68 पर बंद हुआ. इसी तरह, एनएसई निफ्टी 107.90 अंक या 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,498.05 पर बंद हुआ.

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इन शेयरों में आयी सबसे ज्यादा गिरावट

सेंसेक्स में सबसे अधिक छह प्रतिशत की गिरावट अल्ट्राटेक सीमेंट में हुई. इसके अलावा एशियन पेंट्स, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, मारुति सुजुकी इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और आईसीआईसीआई बैंक भी गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे. दूसरी ओर पावरग्रिड, विप्रो, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और आईटीसी में तेजी रही.

कच्चे तेल की वजह से बिगड़े हालात

रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मितुल शाह ने कहा, ‘रूस-यूक्रेन संकट के कारण भू-राजनीतिक परिदृश्य खराब होने से घरेलू शेयर नुकसान के साथ बंद हुए. रूस पर लगे प्रतिबंधों से आपूर्ति बाधित होने के कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने हालात को और बिगाड़ दिया.’

चुनावों और फेड रिजर्व पर रहेगी निवेशकों की नजर

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर (Vinod Nayar) ने कहा कि भारत और विदेशों में तेल के रणनीतिक भंडार के इस्तेमाल और ओपेक के उत्पादन में बढ़ोतरी से भविष्य में कच्चे तेल की कीमतें कम हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारतीय बाजार में कारोबारियों की विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी नजर रहेगी. साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed Reserve) की बैठक पर भी बाजार की नजर रहेगी.

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बीएसई वाहन में सबसे अधिक गिरावट

क्षेत्रवार बात करें, तो बीएसई वाहन (BSE Auto) में सबसे अधिक 2.24 प्रतिशत की गिरावट आयी. इसके अलावा उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं, बैंक और पूंजीगत वस्तुओं में भी गिरावट हुई. दूसरी ओर बिजली और तेल तथा गैस क्षेत्र को लाभ हुआ. बीएसई के मिडकैप (BSE Midcap) और स्मॉलकैप (BSE Small Cap) सूचकांक मिलेजुले रुख के साथ बंद हुए.

हांगकांग और तोक्यो के शेयर बाजार चढ़े

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड (Brent Crude Oil) 2.75 फीसदी बढ़कर 116.03 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. हांगकांग (Hong Kong Share Market) और तोक्यो (Tokyo Share Market) में शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि शंघाई (Shanghai Share Market) में मामूली गिरावट देखने को मिली. शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 4,338.94 करोड़ रुपये के शेयरे बेचे. (एजेंसी इनपुट के साथ)

Posted By: Mithilesh Jha

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