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IPO: सैमसंग ने निवेशकों का तोड़ दिया दिल, आईपीओ लाने से कर दिया इनकार

IPO: सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने भारत में आईपीओ लाने से फिलहाल इनकार कर दिया है, जिससे निवेशकों को झटका लगा है. कंपनी का फोकस शेयर बाजार में लिस्टिंग के बजाय एआई आधारित उत्पादों, उपभोक्ता वित्त विस्तार और भारत में विनिर्माण क्षमता बढ़ाने पर रहेगा. सैमसंग का नोएडा प्लांट दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन विनिर्माण केंद्र है. कंपनी सीईएस 2026 में एआई से जुड़े नए उत्पाद पेश करने की तैयारी में है.

IPO: भारत के शेयर बाजार में निवेशकों के लिए सैमसंग की ओर से बड़ी खबर सामने आई है. दक्षिण कोरिया की दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने फिलहाल भारत में अपना आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) लाने से साफ इनकार कर दिया है. कंपनी ने स्पष्ट किया है कि उसकी प्राथमिकता बाजार से पूंजी जुटाने की बजाय परिचालन विस्तार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित उत्पादों और बिक्री बढ़ाने पर रहेगी.

भारत में आईपीओ की कोई योजना नहीं

सैमसंग के दक्षिण पश्चिम एशिया के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी जेबी पार्क ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि फिलहाल भारत में कंपनी को सूचीबद्ध करने की कोई योजना नहीं है. आईपीओ की संभावना पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने दो टूक कहा, “नहीं, अभी हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है.” यह बयान उन निवेशकों के लिए निराशाजनक रहा, जो सैमसंग के भारतीय कारोबार को शेयर बाजार में देखने की उम्मीद कर रहे थे.

एआई और कंज्यूमर फाइनेंस पर रहेगा फोकस

आईपीओ के बजाय सैमसंग अब अपने उत्पादों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को तेजी से अपनाने पर ध्यान देगी. कंपनी का मानना है कि प्रतिस्पर्धी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एआई ही भविष्य में उत्पादों को अलग पहचान दिलाने वाला प्रमुख कारक बनेगा. इसके साथ ही सैमसंग भारत जैसे अहम विकास बाजार में बिक्री बढ़ाने के लिए अपनी उपभोक्ता वित्त इकाई (कंज्यूमर फाइनेंस यूनिट) का विस्तार भी करेगी, ताकि ग्राहकों को आसान वित्त पोषण विकल्प मिल सकें.

भारत में विनिर्माण विस्तार की मजबूत योजना

जेबी पार्क ने बताया कि सैमसंग भारत में अपने विनिर्माण आधार को और मजबूत करना चाहती है. कंपनी ने मोबाइल फोन डिस्प्ले के लिए कल-पुर्जों की खरीद को लेकर उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन किया है. यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत सैमसंग की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

नोएडा प्लांट बना ग्लोबल हब

सैमसंग का दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन विनिर्माण संयंत्र नोएडा में स्थित है. यह प्लांट पिछले कुछ वर्षों में सिर्फ घरेलू बाजार ही नहीं, बल्कि एक प्रमुख निर्यात केंद्र के रूप में भी उभरा है. नोएडा फैक्ट्री से तैयार स्मार्टफोन कई देशों में निर्यात किए जा रहे हैं, जिससे भारत सैमसंग की वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन गया है.

अन्य कोरियाई कंपनियों से अलग रणनीति

हाल के वर्षों में हुंडई मोटर इंडिया और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी अन्य दक्षिण कोरियाई कंपनियों ने भारत में आईपीओ लाकर पूंजी जुटाई और अपनी स्थानीय मौजूदगी को मजबूत किया. इसके उलट, सैमसंग ने बाजार से वित्तपोषित विस्तार के बजाय आंतरिक विकास को प्राथमिकता देने की रणनीति अपनाई है. यह दर्शाता है कि कंपनी अपने संसाधनों और वैकल्पिक फंडिंग विकल्पों को पर्याप्त मानती है.

पूंजी जुटाने के अन्य विकल्प मौजूद

जेबी पार्क ने स्पष्ट किया कि सैमसंग के पास निवेश के लिए पूंजी की कोई कमी नहीं है. आईपीओ के अलावा भी संस्थागत ऋण, कॉरपोरेट बॉन्ड और अन्य वित्तीय साधनों के जरिए पूंजी जुटाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि कार्यशील पूंजी के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं. इसलिए कंपनी को फिलहाल सार्वजनिक होने की आवश्यकता नहीं महसूस होती.

दीर्घकालिक विकास पर भरोसा

आईपीओ से दूरी बनाकर सैमसंग यह संकेत दे रही है कि उसे भारत में अपने दीर्घकालिक विकास की क्षमता पर पूरा भरोसा है. साथ ही कंपनी अपनी रणनीतिक और वित्तीय दिशा पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखना चाहती है, जो सार्वजनिक सूचीबद्धता के बाद कुछ हद तक सीमित हो सकता है.

सीईएस 2026 में दिखेगा एआई का दम

जेबी पार्क ने कहा कि एआई भविष्य के सैमसंग उत्पादों की आधारशिला होगी. इन एआई-सक्षम उत्पादों में से कुछ को अगले महीने अमेरिका के लास वेगास में आयोजित होने वाली दुनिया की सबसे बड़ी टेक प्रदर्शनी सीईएस 2026 में पेश किया जाएगा.

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भारत में मजबूत आरएंडडी इकोसिस्टम

सैमसंग ने भारत में तीन अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) केंद्र और एक डिजाइन केंद्र स्थापित किए हैं, जहां 10,000 से अधिक इंजीनियर काम कर रहे हैं. ये टीमें न केवल भारतीय बाजार बल्कि वैश्विक स्तर पर उत्पाद नवाचारों में अहम योगदान दे रही हैं.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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