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भारत में 2014 के मुकाबले अब 210 मिलियन टन हुआ दूध का उत्पादन, वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक की वृद्धि दर्ज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने 2014 में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया, जो अब बढ़कर 210 मिलियन टन हो गया है. उन्होंने कहा कि 2014 से लेकर अब तक भारत में दूध के उत्पादन में करीब 44 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

नई दिल्ली : दूध के उत्पादन की दिशा में भारत ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को घरेलू दूध उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की वार्षिक दूध उत्पादन वृद्धि वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक है. प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया है कि सरकार ने 2014 से भारत के डेयरी क्षेत्र की क्षमता को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किया है. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि हुई है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है.

भारत में आज 210 मिलियन टन हो रहा दूध का उत्पादन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने 2014 में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया, जो अब बढ़कर 210 मिलियन टन हो गया है. उन्होंने कहा कि 2014 से लेकर अब तक भारत में दूध के उत्पादन में करीब 44 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. वैश्विक स्तर पर 2 फीसदी उत्पादन वृद्धि की तुलना में भारत में दूध उत्पादन वृद्धि दर 6 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट द्वारा आयोजित इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट (IDF WDS) 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था केा गति देता है डेयरी क्षेत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन विचारों के आदान-प्रदान का एक बड़ा माध्यम बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र की क्षमता न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देती है, बल्कि दुनिया भर के करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का एक प्रमुख स्रोत भी है. प्रधानमंत्री ने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में ‘पशु धन’ और दूध से संबंधित व्यवसाय की केंद्रीयता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र को बड़े पैमाने पर उत्पादन से अधिक जनता द्वारा उत्पादन की विशेषता है. एक, दो या तीन मवेशियों वाले इन छोटे किसानों के प्रयासों के आधार पर भारत सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है. डेयरी क्षेत्र देश में 8 करोड़ से अधिक परिवारों को रोजगार प्रदान करता है.

भारत में सहकारी डेयरी का बहुत बड़ा नेटवर्क

भारतीय डेयरी प्रणाली की दूसरी अनूठी विशेषता की व्याख्या करते हुए प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत में सहकारी डेयरी का बहुत बड़ा नेटवर्क है और ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में कहीं और नहीं मिल सकता है. उन्होंने कहा कि ये डेयरी सहकारी समितियां देश के दो लाख से अधिक गांवों में लगभग दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध एकत्र करती हैं और ग्राहकों तक पहुंचाती हैं. उन्होंने कहा कि इसे पूरी प्रक्रिया में कहीं कोई बिचौलिया नहीं है और ग्राहकों से मिलने वाला 70 फीसदी से ज्यादा पैसा सीधे किसानों की जेब में चला जाता है.

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भारत के डेयरी क्षेत्र में 70 फीसदी महिलाओं की भागीदारी

इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेयरी क्षेत्र में भुगतान की डिजिटल प्रणाली की दक्षता को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इससे अन्य देशों के लिए कई सबक मिलते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में दुधारू पशुओं की ऐसी स्वदेशी नस्लें हैं, जो कई प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करती सकती हैं. उन्होंने गुजरात के कच्छ क्षेत्र की बन्नी भैंस की मजबूत भैंस नस्ल का उदाहरण दिया. उन्होंने अन्य भैंस नस्लों जैसे मुर्राह, मेहसाणा, जाफराबादी, नीली रवि और पंढरपुरी के बारे में भी बात की. गाय की नस्लों में उन्होंने गिर, साहीवाल, राठी, कांकरेज, थारपारकर और हरियाणा का उल्लेख किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र के कार्यबल में महिलाओं का 70 फीसदी भागीदारी है.

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