देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि उसका ओटीपी आधारित कैश विद्ड्राउल सिस्टम धोखेबाजों के खिलाफ वैक्सीन की तरह काम कर रहा है. एसबीआई ने अपने ग्राहकों को भरोसा दिया है कि धोखेबाजों से अपने ग्राहकों को बचाना बैंक की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
क्या है ओटीपी आधारित कैश निकासी प्रक्रिया
अगर आपका भारतीय स्टेट बैंक में एकाउंट है और आप एटीएम के जरिये कैश की निकासी करते हैं तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि बैंक ने एटीएम से कैश निकासी के नियमों में बदलाव कर दिया है.
ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाना उद्देश्य
एसबीआई ने नियमों में यह बदलाव अपने ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए किया है. इस नियम का फायदा यह है कि कोई ठग या धोखेबाज आपके कार्ड का क्लोन बनाकर आपके एकाउंट से पैसा नहीं निकाल पायेगा.
रजिस्टर्ड नंबर पर आता है ओटीपी
जब भारतीय स्टेट बैंक का कोई ग्राहक एटीएम के जरिये अपने एकाउंट से 10 हजार से अधिक रुपया निकालना चाहता है, तो उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता है, उस ओटीपी को एटीएम में डालना होता है, ओटीपी के बिना ट्रांजेक्शन पूरा नहीं हो पायेगा, यानी पैसे नहीं निकलेंगे. इस प्रक्रिया का फायदा यह है कि अगर कोई आपके कार्ड का क्लोन बनाकर पैसे निकालना चाहे तो वह नहीं निकाल पायेगा, क्योंकि ओटीपी तो आपके मोबाइल नंबर पर आयेगा.
एसबीआई एटीएम पर मिलेगी यह सुविधा
हालांकि अभी यह सुविधा सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक ही दे रहा है. एसबीआई के अलावा अन्य कोई बैंक अपने ग्राहकों को यह सुविधा नहीं दे रहा है. इसलिए आपको धोखेबाजों से सावधान रहने की जरूरत है. आपको ये जानना चाहिए कि ये फीचर सिर्फ एसबीआई के एटीएम पर ही काम करेगा. अगर आपके पास एसबीआई का कार्ड है और आप एसबीआई के एटीएम से पैसा निकाल रहे हैं तो इस ओटीपी प्रोसेस की जरूरत होगी. दूसरे बैंक के एटीएम से कैश निकालने पर आपको ओटीपी की जरूरत नहीं होगी.