Listed Real Estate Companies: भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल से सितंबर में एक नया रिकार्ड स्थापित किया है. देश की 28 प्रमुख लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनियों ने इस दौरान लगभग 92,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों की बिक्री बुकिंग दर्ज की है. यह आंकड़ा सेक्टर की अब तक की सबसे मजबूत छह-मासिक प्रदर्शनों में से एक है, जो दिखाता है कि प्रीमियम और मध्य-खंड के आवासों की मांग में ज़बरदस्त तेज़ी आई है.
शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक इन 28 कंपनियों की कुल बिक्री बुकिंग ठीक 92,437 करोड़ रुपये रही. यह मजबूत प्रदर्शन न केवल आर्थिक सुधार को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि उपभोक्ता अब बड़े और बेहतर घरों में निवेश करने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
कौन सी कंपनी रही सबसे ऊपर ?
- प्रेस्टिज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (18,143.7 करोड़ रुपये) की पूर्व-बिक्री के साथ सबसे आगे रही.
- DLF लिमिटेड (15,757 करोड़ रुपये) दूसरे स्थान पर रही जिसका प्रदर्शन दिल्ली-NCR के प्रीमियम बाजारों में इसकी मजबूत पकड़ को दर्शाता है.
- गोदरेज प्रॉपर्टीज (15,587 करोड़ रुपये) ने भी लगभग समान स्तर की बिक्री दर्ज की, जो देश के कई प्रमुख शहरों में इसकी उपस्थिति का परिणाम है.
- लोढ़ा डेवलपर्स (9,020 करोड़ रुपये) और दिल्ली-एनसीआर की कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल (4,650 करोड़ रुपये) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.
ATS होमक्राफ्ट ने लौटाए 1,250 करोड़ रुपए
रियल एस्टेट की मजबूत बिक्री का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि कंपनियों की वित्तीय सेहत सुधर रही है. इस अवधि के दौरान, रियल एस्टेट कंपनी एटीएस होमक्राफ्ट ने अपनी मजबूत आवासीय मांग और आंतरिक नकदी प्रवाह का उपयोग करते हुए, HDFC कैपिटल के संपत्ति कोष को 1,250 करोड़ रुपये चुका दिए.
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रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह कर्ज अदायगी सेक्टर में बढ़ते वित्तीय आत्मविश्वास को दर्शाती है। प्री-सेल्स कंपनियों को अपनी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और अपने कर्ज बोझ को कम करने में सक्षम बना रही है, जिससे निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा. आने वाले त्योहारी सीज़न में यह गति और भी तेज होने की उम्मीद है.
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