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Income Tax Refund : इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस ऐसे करें चेक, जानिए कैसे करें दावा

Income Tax Refund Status, Refund Claim : आयकर विभाग ने पिछले साल इनकम टैक्स रिटर्न का दावा करने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया था, ताकि रिफंड का दावा करने में ज्यादा परेशानी न हो. इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के अलावा आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आने अपने बैंक खाते को पूर्व-सत्यापित कर लिया है. यह वह खाता होना चाहिए, जिसमें आप अपना रिटर्न दाखिल करने के बाद या उसे दाखिल करते समय रिफंड हासिल करना चाहते हैं.

Income Tax Refund Status, Refund Claim : आयकर विभाग ने पिछले साल इनकम टैक्स रिटर्न का दावा करने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया था, ताकि रिफंड का दावा करने में ज्यादा परेशानी न हो. इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के अलावा आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आने अपने बैंक खाते को पूर्व-सत्यापित कर लिया है. यह वह खाता होना चाहिए, जिसमें आप अपना रिटर्न दाखिल करने के बाद या उसे दाखिल करते समय रिफंड हासिल करना चाहते हैं.

इतना ही नहीं, आपको अपने बैंक खाते का पूर्व सत्यापन करने के साथ ही पैन को भी उसके साथ लिंक कराना होगा. यदि आपका बैंक खाता पैन से लिंक नहीं है, तो आप रिफंड हासिल नहीं कर पाएंगे. आयकर विभाग ने पिछले साल ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि वह केवल ई-रिफंड ही जारी करेगा. रिफंड केवल उन्हीं खातों में जमा किया जाएगा, जो पैन से लिंक्ड है और इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट www.incometaxefiling.gov.in पूर्व मान्य है.

कब करें इनकम टैक्स रिफंड का दावा

  • अगर आपने अपने संस्थान को निवेश के सभी प्रमाण नहीं दिए, तो नियोक्ता द्वारा की गई कर कटौती की रकम और खासकर वित्तीय वर्ष के लिए आपकी वास्तविक देयता को पार कर जाती है.

  • बैंक एफडी या बॉन्ड के ब्याज होने वाली आय पर अतिरिक्त टीडीएस काटा गया हो.

  • स्व-मूल्यांकन पर आपके द्वारा भुगतान किया गया अग्रिम कर नियमित आकलन के अनुसार लागू वित्त वर्ष के लिए आपकी कर देयता से अधिक हो गया हो.

  • या फिर दोहरे कराधान के मामले में आप इनकम टैक्स रिफंड का दावा कर सकते हैं.

कैसे करें इनकम टैक्स रिफंड का दावा

हालांकि, पहले इनकम टैक्स के फॉर्म 30 को भरकर रिफंड का दावा करना आवश्यक था, लेकिन अब केवल ई-ट्रांसफर के जरिए आसानी से आईटीआर फाइलिंग करके रिफंड का दावा किया जा सकता है. इसके साथ ही आईटीआर दाखिल होने के 120 दिनों के भीतर या तो आपको खुद या फिर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इसे सत्यापित करना होगा. फॉर्म 26एएस के आलोक में अतिरिक्त कर कटौती के रिफंड का दावा किया जाना चाहिए. हालांकि, अतिरिक्त कर को रिफंड करना आयकर विभाग के अधीन है और यह तभी रिफंड किया जाता है, जब विभाग द्वारा इसकी मंजूरी दे दी जाती है.

इनकम रिफंड के स्टेटस को कैसे करें चेक

इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस को या तो NSDL की वेबसाइट या फिर आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर विजिट करके चेक किया जा सकता है.

NSDL की वेबसाइट पर कैसे चेक करें रिफंड स्टेटस

  • स्टेप 1 : रिफंड को ट्रैक करने के लिए आपको NSDL की वेबसाइट पर विजिट करना होगा.

  • स्टेप 2 : अब आपको एक नया वेब पेज दिखाई देगा. उसमें पैन सहित अन्य विवरण भरें और ‘प्रोसीड’ पर क्लिक करें।

  • स्टेप 3 : अब आपका टैक्स रिफंड स्टेटस दिखाई देना शुरू कर देगा.

आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर कैसे करें चेक

  • स्टेप 1 : आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर लॉगइन करें.

  • स्टेप 2 : अब आप रिटर्न/फॉर्म्स को सलेक्ट करें.

  • स्टेप 3 : माई अकाउंट टैब पर जाएं और इनकम टैक्स रिटर्न्स को सलेक्ट करें. उसे क्लिक करके सबमिट कर दें.

  • स्टेप 4 : अब आप एकनॉलेजमेंट नंबर पर क्लिक करें.

  • स्टेप 5 : अब आपको एक नए पेज पर अपने रिटर्न डिटेल के साथ इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस दिखाई देने लगेगा.

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Posted By : Vishwat Sen

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