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ICICI Lombard को जीएसटी ने भेजा 1728 करोड़ का टैक्स नोटिस, औंधे मुंह गिरे शेयर के दाम

ICICI Lombard ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि माल एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की पुणे इकाई ने 1728.86 करोड़ रुपये के टैक्स बकाया का आरोप लगाते हुए 27 सितंबर को उसे कारण बताओ सह डिमांड नोटिस जारी किया है.

ICICI Lombard के शेयर गुरुवार को बाजार में धड़ाम से गिर गए हैं. दोपहर एक बजे कंपनी के शेयर दो प्रतिशत से ज्यादा टूट गए. बताया जा रहा है कि इंश्योरेंस कंपनी को मिले एक टैक्स नोटिस से तगड़ा झटका लगा है. माल एवं सेवा कर (GST) की जांच एजेंसी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने जुलाई 2017 से मार्च 2022 के बीच कुछ आपूर्ति में कर का भुगतान नहीं करने पर आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस को 1,728 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस भेजा है. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि माल एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की पुणे इकाई ने 1728.86 करोड़ रुपये के टैक्स बकाया का आरोप लगाते हुए 27 सितंबर को उसे कारण बताओ सह डिमांड नोटिस जारी किया है. इसके चलते कंपनी के शेयर कंपनी के शेयर 2.82 प्रतिशत टूटकर 1266 रुपये पर आ गए. हालांकि, दोपहर 1.15 बजे स्थिति में थोड़ी सुधार दिखी ICICI Lombard General Insurance Co Ltd के शेयर 2.20 प्रतिशत के नुकसान के साथ 1274.95 पर ट्रेड कर रहा था.

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जीएसटी को जवाब देने की तैयारी कर रही कंपनी

ICICI Lombard General Insurance Co Ltd की तरफ से एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी को जो टैक्स नोटिस मिला है, उसका संबंध को-इंश्योरेंस प्रीमियम और री-इंश्योरेंस कमीशन से जुड़ा हुआ है. इसे लेकर इंडस्ट्री में पहले से चर्चा हो रही है. यह जुलाई 2017 से मार्च 2022 के बीच विभिन्न भारतीय तथा विदेशी पुनर्बीमा कंपनियों से जुड़ा है. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने कहा कि नोटिस उद्योगिक मुद्दों से संबंधित है और कंपनी उक्त नोटिस पर उचित जवाब दाखिल करेगी. बड़ी बात ये है कि आईसीआईसीआई को ये नोटिस नए एमडी और सीईओ संजीव मंत्री के नियुक्ति के बाद मिला है. बता दें कि दो महीने में ये दूसरा मौका है जब कंपनी को सरकार की तरफ से टैक्स बकाया का नोटिस मिला है. इससे पहले कंपनी ने आठ अगस्त को जानकारी दी थी कि DGGI ने उन्हें जीएसटी एक्ट के सेक्शन 74(1) के तहत करीब 273.44 करोड़ रुपये का टैक्स भरने का नोटिस दिया है. साल्वेज एडजस्टेज पर जीएसटी और मोटर क्लेम पर सेटल किए हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट की इनएलिजिबिलिटी से जुड़ा हुआ था. हालांकि, नोटिस के बाद, कंपनी ने इस मामले में अपनी देनदारी को स्वीकार किया और टैक्स के बकराये पैसे का एक बड़ा हिस्सा सरकारी खजाने में जमा करा दिया.

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड क्या है

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड एक जनरल इश्योरेंस की कंपनी है. ये एक व्यापक वित्तीय संस्था है जिसकी सेवाएं विश्वभर में स्थापित हैं. यह एक विश्वसनीय और विश्वस्त वित्तीय संस्थान है जो विभिन्न वित्तीय सेवाएं उपभोक्ताओं, व्यापारियों और उद्योगों के लिए प्रदान करता है. इसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में स्थित है.

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड विभिन्न सेवाओं में क्या-क्या शामिल है

  • वित्तीय सलाहकारी: व्यक्तिगत और व्यापारिक ग्राहकों को वित्तीय सलाह और योजनाएँ प्रदान करने में मदद करता है.

  • बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: विभिन्न वित्तीय उत्पादों की पेशेवर सेवाएँ प्रदान करता है, जैसे कि ऋण, निवेश, और बैंकिंग सेवाएं.

  • संपत्ति बीमा: विभिन्न प्रकार की संपत्तियों के बीमा की सेवाएँ प्रदान करता है, जैसे कि घर, वाहन, व्यवसाय इत्यादि.

  • विदेशी मुद्रा सेवाएं: विदेशी मुद्रा विनिमय और वित्तीय सेवाएँ प्रदान करता है.

  • निवेश बैंकिंग: उत्पादों और सेवाओं के लिए वित्तीय योजनाएँ और विभिन्न निवेश सॉल्यूशन्स प्रदान करता है.

  • वित्तीय प्लैनिंग और योजनाएं: व्यक्तिगत या व्यापारिक वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सलाह और योजनाएं प्रदान करता है.

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जीएसटी क्या है

जीएसटी (Goods and Services Tax) भारत में लागू होने वाला एक महत्वपूर्ण कर नीति है. यह एक वस्तु और सेवा कर का सम्मिलित कर है, जिसे भारत सरकार ने 1 जुलाई 2017 को लागू किया. जीएसटी भारत भर में समान रूप से लागू होता है, जिससे राज्यों के बीच वस्तु और सेवाओं की वस्तुसूची में सामंजस्य नहीं होती. इसका मुख्य उद्देश्य वस्तु और सेवाओं पर लग रहे विभिन्न पूर्व-वस्तु और सेवा करों को समाप्त करके एक सामान और सरल वस्तु और सेवा कर व्यवस्था स्थापित करना है. जीएसटी के तहत, वस्तु और सेवाओं पर लागू होने वाले करों की दरें वस्तुसूची में निर्धारित होती हैं. ये कर प्रणाली तीन टीयर में बंटा हुआ है-राज्य, केंद्र और उपभोक्ता. इसके कारण वित्तीय सृजन राज्य और केंद्र के बीच साझा किया जाता है. इसके तहत, वस्तु और सेवाओं की लेन-देन की ई-वे विधि का अनुसरण किया जाता है जो वित्तीय सृजन को सरकार से साझा करने के लिए उपयोग किया जाता है. जीएसटी का उद्देश्य एक सरल, संपादनशील और आरामदायक कर नीति प्रणाली स्थापित करना है जिससे वस्तु और सेवाओं पर लग रहे करों की वस्तुसूची में सामंजस्य नहीं हो.

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