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Fixed Deposits: जानिए कौन-सा एफडी स्कीम है बेहतर, किन बातों का रखें ध्यान

Best FD Scheme भारत में सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय जमा योजनाओं में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) भी एक है. इसके तहत आप अपने पसंदीदा बैंक में एक से दस वर्ष के बीच किसी भी टेन्योर का चुनाव कर अपने सुविधा के हिसाब से एकमुश्त रकम जमा कर सकते है. अभी के वक्त में बैंकों द्वारा इस अवधि के दौरान फिक्स डिपॉजिट स्कीम (FD Scheme) के तहत रकम जमा करने पर 5.50 प्रतिशत से लेकर 6.50 प्रतिशत तक की ब्याज दरें ऑफर किया जा रहा हैं. दरअसल, एफडी स्कीम में एक निश्चित रिटर्न के साथ ही जमा की गयी रकम को भी सुरक्षित माना जाता है. इस कारण आज के वक्त में भी इसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है.

Best FD Scheme भारत में सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय जमा योजनाओं में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) भी एक है. इसके तहत आप अपने पसंदीदा बैंक में एक से दस वर्ष के बीच किसी भी टेन्योर का चुनाव कर अपने सुविधा के हिसाब से एकमुश्त रकम जमा कर सकते है. अभी के वक्त में बैंकों द्वारा इस अवधि के दौरान फिक्स डिपॉजिट स्कीम (FD Scheme) के तहत रकम जमा करने पर 5.50 प्रतिशत से लेकर 6.50 प्रतिशत तक की ब्याज दरें ऑफर किया जा रहा हैं. दरअसल, एफडी स्कीम में एक निश्चित रिटर्न के साथ ही जमा की गयी रकम को भी सुरक्षित माना जाता है. इस कारण आज के वक्त में भी इसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है.

फिक्स डिपॉजिट स्कीम में निवेशक को 7 दिनों से लेकर 10 वर्षों तक निवेश की अवधि का चुनाव करने का विकल्प मिलता है. हालांकि, बैंक एफडी स्कीम के तहत जमा की गयी रकम को समय से पहले निकासी की आमतौर पर अनुमति नहीं होती है, लेकिन पेनाल्टी देकर समय से पहले निकालने की सुविधा मिलती है. साथ ही एक्सट्रा फंड का रि-इन्वेस्टिंग फंड आम तौर पर कम ब्याज दर पर होता है. इसी को ध्यान में रखते हुए मौजूदा एफडी स्कीम में निवेश करने से पहले कुछ फैक्टर्स के बारे में जानकारी होना जरूरी हो जाता है. विस्तार से जानते है, एफडी से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है.

ब्याज : बैंकों की ओर से एफडी स्कीम के तहत टेन्योर के आधार पर ब्याज की दरें पेश की जाती है. अलग-अलग बैंकों में ब्याज की दरों में अंतर देखने को मिल सकता है और यह बैंक पर निर्भर करता हैं. यह जमाकर्ता की उम्र पर भी निर्भर करता है. आम तौर पर अधिकांश बैंकों में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ब्याज दरें नियमित दरों से 0.5 प्रतिशत अधिक होती हैं. अमूमन एकमुश्त रकत जमा पर ज्यादा ब्याज मिलता है. निवेश की पूरी अवधि के लिए एफडी की ब्याज दर समान रहती है.

लोन : एफडी स्कीम में निवेश करने वाले निवेशकों को लोन की सुविधा भी मिलती है. जो इस जमा योजना के प्रमुख फायदों में से एक है. किसी भी आर्थिक जरूरत के मद्देनजर कोई व्यक्ति अपनी जमा राशि के करीब नब्बे फीसदी तक एफडी रकम पर लोन ले सकता है. लोन की अवधि एफडी स्कीम की अधिकतम अवधि तक हो सकती है, क्योंकि मैक्सिम टेन्योर एफडी की अधिकतम अवधि तक सीमित है.

क्रेडिबिलिटी ऑफ दी बैंक : एफडी करने से पहले निवेशक को बैंक की क्रेडिबिलिटी की जरूर जांच लेनी चाहिए. डीआईसीजीसी की डिपॉजिटर इंश्योरेंस प्रोग्राम के तहत एफडी सुरक्षित है और इसके तहत पांच लाख रुपये की राशि का बीमा किया जाता है. निवेश करने से किसी भी बैंक की क्रेडिट रेटिंग जरूर देखें. फाइनेंस के जानकारों का कहना है कि सारा पैसा एक एफडी में लगाने के बजाय निवेशक को अपनी निर्भरता कम करने के लिए अलग-अलग बैंकों में निवेश करना चाहिए.

प्रीमैच्योर विड्रॉल : फिक्सड डिपॉजिट स्कीम में निवेश करने से पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि प्रीमैच्योर विड्रॉल यानि समय से पहले निकासी पर जुर्माना देना होता है और यह अलग-अलग बैंक में अलग-अलग होता है. जुर्माना आमतौर पर बैंकों द्वारा लागू ब्याज दर को 0.5 फीसदी से घटाकर एक फीसदी कर दिया जाता है. हालांकि, यह भी देखा जाता है कि कुछ बैंक निवेशकों को बिना पेनल्टी के समय से पहले अपनी एफडी तोड़ने की इजाजत दे देते हैं. लेकिन, उन्हें अतिरिक्त मानदंड को पूरा करना जरूरी होता है. इसी के मद्देनजर जानकारों का कहना है कि फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए बैंक का चयन करते समय ऐसे बैंकों की तलाश करनी चाहिए जो समय से पहले निकासी पर कम जुर्माना लगाते हों.

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