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कोरोना वायरस भारत की इकॉनमी के लिए 100 साल का सबसे बड़ा संकट, कुमार मंगलम बिड़ला ने दिया बड़ा बयान

कोरोना वायरस ने दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत की अर्थव्यवस्था की भी हालत खराब कर रखी है. विश्व बैंक और IMF के अनुसार कोरोना वायरस के कारण भारत की इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ने वाला है.

कोरोना वायरस ने दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत की अर्थव्यवस्था की भी हालत खराब कर रखी है. विश्व बैंक और IMF के अनुसार कोरोना वायरस के कारण भारत की इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ने वाला है. इस पर हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस और उसके साथ लगाये लॉकडाउन ने समाज और अर्थव्यवस्था के समक्ष सदी में एक बार आने वाला संकट खड़ा किया है, इसकी वजह से 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट आयेगी.

हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने अपने बयान में कहा कि कोरोना वायरस के कारण भारत की जीडीपी में भारी गिरावाट आयेगी, ऐसा चार दशकों में पहली बार होगा. बिड़ला ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा कि भारत में कोविड-19 ऐसे समय आया है, जब वैश्विक अनिश्चितता तथा घरेलू वित्तीय प्रणाली पर दबाव की वजह से आर्थिक परिस्थितियां पहले से सुस्त थीं. एक अनुमान के अनुसार देश का 80 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद उन जिलों से आता है, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान रेड और ऑरेंज क्षेत्रों के रूप में बांटा गया और इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित रहीं. दिग्गज उद्योगपति ने कहा कि इसका सकारात्मक पहलू यह है कि यदि महामारी का दूसरा दौर शुरू नहीं होता है, तो यह मंदी सबसे कम अवधि के लिए होगी.

बता दें कि तमाम रेटिंग एजेंसियों ने आशंका जताई है कि कोरोना संकट के कारण भारत की जीडीपी में 3 से 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी. इसके पहले एन आर नारायणमूर्ति ने आशंका जताई थी की कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी. उन्होंने एक सेमिनार में कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से देश के करीब 14 करोड़ कर्मचारी प्रभावित हो चुके हैं.नारायण मूर्ति ने ऐसी एक नयी प्रणाली विकसित करने पर भी जोर दिया, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में प्रत्येक कारोबारी को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति हो.

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