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कारोबार बढ़ाने की बजाय कर्ज चुकाएगा अदाणी ग्रुप, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद रफ्तार पर लगा ब्रेक

पिछले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से जारी रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर दशकों से शेयरों में हेराफेरी और लेखा धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, अदाणी ग्रुप की ओर से करीब 413 पन्नों के जवाब में इसका खंडन भी किया गया, लेकिन ग्रुप के फर्मों के शेयरों में गिरावट बदस्तूर जारी है.

नई दिल्ली : अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद शेयरों में लगातार भारी गिरावट दर्ज होने के बाद अदाणी ग्रुप की कारोबारी रफ्तार पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी ग्रुप फिलहाल कारोबार का विस्तार करने की बजाय पहले से लिये गए कर्ज को चुकाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है. रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी 2023 को सार्वजनिक होने के बाद से अदाणी ग्रुप के मार्केट कैप में करीब 120 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो चुका है. आलम यह है कि अदाणी ग्रुप अपने राजस्व ग्रोथ को कम करके पूंजीगत खर्च में कटौती करने की योजना बना रहा है.

ग्रुप के विकास और पूंजीगत खर्च में भारी कटौती

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, अदाणी ग्रुप ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 40 फीसदी विकास का अनुमान जताया था, लेकिन अब इसे घटाकर 15 से 20 फीसदी किया जा सकता है. साथ ही, ग्रुप की पूंजीगत खर्च में भी कटौती करने की योजना बना रहा है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले तक अदाणी ग्रुप आक्रामक तरीके से अपने कारोबार का विस्तार कर रहा था, लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने उसकी साख पर करारा झटका लगाया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी ग्रुप का ध्यान फिलहाल नकदी बचाने, कर्ज के भुगतान और गिरवी रखे शेयरों को छुड़ाने पर केंद्रित हो सकता है.

डैमेज कंट्रोल करने में जुटा अदाणी ग्रुप

पिछले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से जारी रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर दशकों से शेयरों में हेराफेरी और लेखा धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, अदाणी ग्रुप की ओर से करीब 413 पन्नों के जवाब में इसका खंडन भी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद ग्रुप के फर्मों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला बदस्तूर जारी है. ग्रुप फर्मों के कई शेयर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए. यही वजह है कि अदाणी ग्रुप अब इस नुकसान की भरपाई (डैमेज कंट्रोल) करने में जुट गया है.

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अदाणी ग्रुप के तीन फर्मों ने शेयरों को रखा गिरवी

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अदाणी ग्रुप फिलहाल अगले वित्त वर्ष के लिए बनाई गई योजनाओं पर समीक्षा कर रहा है और आने वाले दिनों में इसे अमलीजामा भी पहनाया जा सकता है. इस बीच, अदाणी ग्रुप के तीन फर्मों ने बैंकों के पास अपने अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं. इन बैंकों ने अदाणी ग्रुप के नेतृत्व वाली कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज को कर्ज दे रखा है. इन कंपनियों ने अपने शेयर एसबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी के पास अपने अतिरिक्त शेयरों को गिरवी रखा है. अदाणी ग्रुप की जिन कंपनियों ने अपने अतिरिक्त शेयरों को गिरवी रखा है, उनमें अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड शामिल हैं.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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