मुंबई : खुदरा वित्तीय क्षेत्र पर बड़ा दांव लगाते हुए उद्योगपति अनिल अंबानी ने आज कहा कि रिलायंस कैपिटल अप्रैल, 2017 तक अपनी आवास वित्त इकाई को अलग से सूचीबद्ध कर देगी. इसके अलावा कंपनी अपने व्यावसायिक ऋण कारोबार तथा बीमा इकाइयों को भी उचित समय पर सूचीबद्ध कराएगी. इसके साथ ही रिलायंस कैपिटल बेहतर वृद्धि और मुनाफे के लिए एक नयी इकाई बनाएगी. कंपनी का इरादा अपने जिंस एक्सचेंज को नये सिरे से शुरू करने का भी है. इसमें मुख्य रूप से हीरे और कच्चे तेल के वायदा कारोबार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. हीरे का वायदा कारोबार प्रमुख उत्पाद होगा, जिसका दैनिक कारोबार 6,000 करोड़ रुपये रहेगा.
रिलायंस कैपिटल की सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कंपनी चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा कि समूह का इरादा अपने विभिन्न कारोबारों मसलन जीवन बीमा, साधारण बीमा तथा व्यावसायिक वित्त को उचित समय पर अलग-अलग सूचीबद्ध कराने का है. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बारे में वैकल्पिक सूचीबद्धता का रुख अपनाया जाएगा, अनिवार्य सूचीबद्धता का नहीं. रिलायंस कैपिटल की विभिन्न इकाइयों को अलग-अलग सूचीबद्ध कराने संबंधी कोई भी निर्णय शेयरधारकों के हितों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा. अंबानी ने कहा कि कंपनी हर साल लाभांश भुगतान को बढाने के लिए प्रतिबद्ध है.
रिलायंस कैप को स्वास्थ्य बीमा कारोबार में वृद्धि की उम्मीद
समूह के विभिन्न कारोबार की बात करते हुए अंबानी ने कहा कि रिलायंस कैप को आगे चलकर स्वास्थ्य बीमा कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है. हालांकि, अभी इसका हिस्सा काफी छोटा है. उन्होंने कहा कि रिलायंस कैपिटल मार्च, 2017 तक मूल निवेश कंपनी (सीआईसी) के दर्ज के लिए आवेदन करेगी. उन्होंने कहा, ‘हम वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने को प्रतिबद्ध हैं. हम गैर-मूल क्षेत्रों में निवेश का मौद्रिकरण करेंगे और आकर्षक रिटर्न हासिल करेंगे.’ अंबानी ने उम्मीद जताई कि बेहतर मानसून, निचली ब्याज दरों के ढांचे और मुद्रास्फीति में कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था काफी तेजी से आगे बढेगी.
उन्होंने यह भी कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पासा पलटने वाला होगा. अंबानी ने वित्तीय सेवा क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने को कई पहल के बारे में बताया. आवास वित्त क्षेत्र पर अंबानी ने कहा कि समूह अपनी मॉर्गेज संपत्तियों को कई गुना बढाने का इरादा कर रहा है. समूह का इरादा इस श्रेणी के कर्ज को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है जिससे वह निजी क्षेत्र में शीर्ष खिलाडियों में शामिल हो सके. रिलायंस कैपिटल होम फाइनेंस को स्वतंत्र रूप से सूचीबद्ध कराने के लिए रिलायंस कैपिटल बोर्ड के पिछले महीने लिये गये फैसले पर अंबानी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह सूचीबद्धता अगले साल अप्रैल में होगी. उन्होंने कहा कि कंपनी का पूंजीकरण बेहतर रहेगा. अंबानी ने कहा कि उपभोक्ता ऋण के लिए एक नयी इकाई का विकास किया जाएगा जिससे वृद्धि और मुनाफे को बेहतर किया जा सके.