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माल्या पर बरसे जेटली: ‘सम्मान के साथ बैंकों का बकाया लौटायें बरना कारवाई के लिये तैयार रहें”

नयी दिल्ली: विजय माल्या जैसे जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उन लोगों को सम्मान के साथ बैंकों का बकाया चुकाना चाहिए अन्यथा उन्हें कर्जदाता बैंकों और जांच एजेंसियों की तरफ से की जाने वाली कारवाई का सामना करने को तैयार […]

नयी दिल्ली: विजय माल्या जैसे जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उन लोगों को सम्मान के साथ बैंकों का बकाया चुकाना चाहिए अन्यथा उन्हें कर्जदाता बैंकों और जांच एजेंसियों की तरफ से की जाने वाली कारवाई का सामना करने को तैयार रहना चाहिये.

जेटली ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन मुझे लगता है कि यह उनके (विजय माल्या) जैसे बडे समूहों की जिम्मेदारी है कि वे सम्मानपूर्वक बैंकों के बकाये का भुगतान करें.’ उन्होंने कहा कि बैंकों के पास विजय माल्या समूह कंपनियों की कुछ परिसंपत्तियां गिरवी हैं.
इसके अलावा बैंक अपने 9,000 करोड रपए से अधिक के रिण की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनायेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘बैंकों के पास कुछ प्रतिभूतियां हैं. इसके अलावा बैंकों और अन्य एजेंसियों के पास कानून लागू कराने के तरीके भी उपलब्ध हैं .संबद्ध एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं.’ लंबे समय से बंद पडी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रवर्तक माल्या गत दो मार्च को भारत छोडकर बाहर चले गए थे. समझा जाता है कि वह लंदन गये हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की माल्या की समूह कंपनियों से रिण वसूली के संबंध में उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई से कुछ दिन पहले ही वह देश छोडकर चले गये.
माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस पर भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम का 7,800 करोड रुपये का कर्ज बकाया है. अकेले स्टेट बैंक का बंद पडी किंगफिशर एयरलाइंस पर 1,600 करोड़ रुपये का बकाया है.
किंगफिशर एयरलाइंस पर जिन अन्य बैंकों का बकाया है उनमें पंजाब नेशनल बैंक और आईडीबीआई बैंक प्रत्येक का 800 करोड़ रुपये, बैंक बॉफ इंडिया का 650 करोड रुपये, बैंक ऑफ बडौदा का 550 करोड रुपये, सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 410 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. इसके अलावा यूको बैंक को 320 करोड़ रुपये, कार्पोरेशन बैंक का 310 करोड रुपये, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर का 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक का 140 करोड़ रुपये, फेडरल बैंक का 90 करोड़ रुपये, पंजाब एण्ड सिंध बैंक का 60 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक का 50 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस्पात, कपड़ा, राजमागोंर् और ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के क्षेत्र में बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या का समाधान करने के लिये प्रयास कर रही है. इन क्षेत्रों की समस्या आर्थिक सुस्ती की वजह से बढी है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वसूली न किए जा सकने वाले रिण :एनपीए: की समाधान प्रक्रिया अब शुरू होगी. मैंने हमेशा कहा है कि एनपीए दो तरह के हैं. एक एनपीए आर्थिक परिवेश की वजह से है जिससे उद्योग के कुछ क्षेत्रों में नुकसान हुआ है. हम उन क्षेत्रों में समस्या के समाधान की कोशिश कर रहे हैं.’

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