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काले धन पर बैंकिंग सूचनाओं के आदान प्रदान से भारत को फायदा : अरुण जेटली

लीमा (पेरु) : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर चोरी और परिवर्जन रोकने की व्यवस्था बनाये जाने को लेकर उत्सुक वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कर और बैंकिंग सूचनाओं के स्वचालित आदान प्रदान के लिए रिपोर्टिंग का एक साझा मानक अपनाये जाने पर बल दिया है. जेटली ने यहां राष्ट्रमंडल देशों के वित्त मंत्रियों की 49वीं सालाना […]

लीमा (पेरु) : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर चोरी और परिवर्जन रोकने की व्यवस्था बनाये जाने को लेकर उत्सुक वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कर और बैंकिंग सूचनाओं के स्वचालित आदान प्रदान के लिए रिपोर्टिंग का एक साझा मानक अपनाये जाने पर बल दिया है. जेटली ने यहां राष्ट्रमंडल देशों के वित्त मंत्रियों की 49वीं सालाना बैठक के दौरान कराधान के क्षरण और लाभ के स्थानांतरण (बीइपीएस) की समस्या से निपटने की परियोजना और बैंकिंग सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में पेरिस स्थित ओइसीडी (आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन) के प्रयासों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रमंडल देशों के लिए भी महत्वपूर्ण है.

जेटली के वक्तव्य के बारे में एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान के लिए विश्वस्तर पर पारस्परिक तरीके से साझा रिपोर्टिंग मानक अपनाये जाने चाहिए क्यों कि कर चोरी तथा अपवंचन रोकने में इसकी प्रमुख भूमिका होगी.’ कराधार के क्षरण एवं लाभ के स्थानांतरण (बीइपीएस) से निपटने की ओइसीडी-जी20 परियोजना विश्व भर में सरकार को इस मामले में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय नियमों को ठीक करने का समाधान प्रदान करेगी. बीइपीएस की अवधारणा इससे वैश्विक स्तर पर काम करने वाले कंपनियों के मुनाफों को लेखा जोखा में गायब करने या कृत्रिम तरीके से किसी कम कर वाले या कर मुक्त क्षेत्र में स्थानांतरित करने की चाल से संबंधित है.

मोटे अनुमान के मुताबिक बीईपीएस के कारण सालाना सरकारों को 100-240 अरब डालर के राजस्व का नुकसान हो रहा है जो वैश्विक कार्पोरेट आय कर (सीआइटी) का चार से 10 प्रतिशत है. जेटली ने कहा कि भारत को सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था से लाभ हुआ है और कर चोरी पर महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. उन्होंने इस संबंध में साझा वैश्विक नियम और मानकों के निर्धारण में पूरी सच्चाई और न्यायोचित तरीके से एक बहुपक्षीय प्रणाली के सिद्धांत अपनाये जाने पर बल दिया. राष्ट्रमंडल देशों के वित्त मंत्रालियों की बैठक में बुनियादी ढांचे के विकास की परियोजनाओं वित्तपोषण और छोटे देशों को व्यापार के क्षेत्र में वित्तीय सहायता की सुविधा से जुडे मुद्दों पर भी चर्चा की गयी. जेटली 11 अक्तूबर तक पेरु में हैं जहां वह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) और विश्वबैंक तथा कुछ अन्य सम्बद्ध सम्मेलनों में हिस्सा लेंगे.

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