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कॉल ड्रॉप की समस्या हल करने के लिए ट्राई ने 15 दिन का समय दिया

नयी दिल्ली: कॉल ड्रॉप की समस्या निरंतर बने रहने पर कंपनियों पर जुर्माना लगाने की चेतावनी देते हुए नियामक ट्राई ने आज कहा कि 15 दिनों के बाद उनके कामकाज की समीक्षा की जाएगी और यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो कारवाई की जा सकती है. दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा बुलाई गई बैठक में […]

नयी दिल्ली: कॉल ड्रॉप की समस्या निरंतर बने रहने पर कंपनियों पर जुर्माना लगाने की चेतावनी देते हुए नियामक ट्राई ने आज कहा कि 15 दिनों के बाद उनके कामकाज की समीक्षा की जाएगी और यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो कारवाई की जा सकती है.

दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा बुलाई गई बैठक में भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और रिलायंस कम्युनिकेशंस सहित अग्रणी आपरेटरों को यह कडा संदेश दिया गया. इस बीच, एक आर्थिक सम्मेलन में दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि यदि कंपनियां कॉल ड्रॉप की समस्या दूर करने में विफल रहती हैं तो जुर्माना लगाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आपरेटरों की यह दलील भी खारिज कर दी कि अपर्याप्त स्पेक्ट्रम के चलते कॉल ड्रॉप की समस्या आ रही है.ट्राई चेयरमैन आर.एस. शर्मा ने बैठक के बाद कहा, यह दलील कि स्पेक्ट्रम कम है, इसमें कोई दम नहीं है क्योंकि स्पेक्ट्रम यकायक नहीं घट गया. बल्कि स्पेक्ट्रम बढा है.कॉल ड्रॉप की समस्या हाल के महीनों में एक गंभीर समस्या बन गयी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस संबंध में चिंता जताई है.
शर्मा ने कहा कि आज की बैठक में कंपनियों को सूचित किया गया कि ट्राई 15 दिनों के बाद स्थिति की समीक्षा करेगा. हम यह आकलन करेंगे कि क्या स्थिति में कोई सुधार आया है या नहीं. यह पूछे जाने पर कि यदि स्थिति में सुधार नहीं आया तो क्या कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, शर्मा ने कहा, जब जरुरत पडेगी हम सीमा लांघेंगे, लेकिन अभी आपरेटरों पर अविश्वास करने का कोई कारण मुझे नहीं दिखता.
वे कह रहे हैं कि वे स्थिति में सुधार लाने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं, इसलिए मैं यह क्यूं मानकर चलूं कि स्थिति में सुधार नहीं आएगा. इस बीच, यहां इकोनोमिस्ट इंडिया समिट के दौरान दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया, वर्तमान में, मैं किसी तरह का जुर्माना लगाने पर विचार नहीं कर रहा हूं, लेकिन यदि स्थिति में सुधार नहीं आता है तो इस विकल्प को अपनाने की संभावना से इनकार भी नहीं करता हूं क्योंकि यदि कोई मुद्दा है तो उसे हल करना उन लोगों की जिम्मेदारी है जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि सरकार नीतिगत मोर्चे पर सभी आवश्यक कदम उठा रही है और आपरेटरों को भी अपने हिस्से का काम करने की जरुरत है.प्रसाद ने कहा, हमने पहले स्पेक्ट्रम के साझा उपयोग के निर्णय को मंजूरी दी और अब हमने स्पेक्ट्रम की खरीद-फरोख्त को भी मंजूरी दे दी है. इसलिए वृद्धि को लेकर दूरसंचार आपरेटरों की जो भी मांग है, हमने वह पूरी की है

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