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फोर्ब्‍स एशिया के परोपकारियों की सूची में सात भारतीय

ह्यूस्टन : इन्फोसिस के तीन सह-संस्थापकों और दुबई के शिक्षा उद्यमी समेत सात भारतीयों को परोपकारियों की फोर्ब्स एशिया सूची में शामिल किया गया है. इस सूची में 13 देशों के परोपकारियों के नाम हैं. फोर्ब्स एशिया के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के परोपकारियों की नौवीं सूची में इन्फोसिस के सह-संस्थापक सेनापति गोपालकृष्णन, नंदन निलेकणि और एस […]

ह्यूस्टन : इन्फोसिस के तीन सह-संस्थापकों और दुबई के शिक्षा उद्यमी समेत सात भारतीयों को परोपकारियों की फोर्ब्स एशिया सूची में शामिल किया गया है. इस सूची में 13 देशों के परोपकारियों के नाम हैं. फोर्ब्स एशिया के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के परोपकारियों की नौवीं सूची में इन्फोसिस के सह-संस्थापक सेनापति गोपालकृष्णन, नंदन निलेकणि और एस डी शिबूलाल को शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके व्यक्तिगत योगदान के लिए शामिल किया गया है. इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति के पुत्र रोहन भी इस सूची में शामिल हैं.

उन्होंने प्राचीन भारतीय साहित्य के संवर्द्धन के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस को 52 लाख डालर का दान किया. परोपकार में वह अपने पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं. केरल में जन्मे उद्यमी सन्नी वर्की ने भी इस सूची जगह बनायी है. वर्की ने बिल गेट्स और वारन बफे के नेतृत्व वाले गिविंग प्लेज इनिशियेटिव के तहत जून 2015 में अपनी आधी संपत्ति 2.25 अरब डालर दान कर दी है. दुबई में रहने वाले वर्की जेम्स एजुकेशन के संस्थापक हैं और उनके 14 देशों में 70 निजी स्कूल हैं.

वह फोर्ब्स की सूची में शीर्ष भारतीय परोपकारी व्यक्तियों की सूची में जगह बना चुके हैं. इस सूची में शामिल दो अन्य व्यक्तियों में भारत में जन्मे दो भाई सुरेश रामकृष्णन और महेश रामकृष्णन शामिल हैं. दोनों लंदन में कारोबार करते हैं और उन्होंने लंदन के सेवाइल रो में व्हिटकाम्ब एंड शाफ्ट्स्बरी टेलर्स की स्थापना की है. उन्होंने भारत में 4,000 लोगों को सिलाई सिखाने के लिए 30 डालर का योगदान किया. इस योजना से 2004 में आई सुनामी के पीडितों और वंचित महिलाओं को फायदा हुआ.

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