नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली बीजिंग में 100 अरब डालर के एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के गठन को मंजूरी देने के लिये 57 देशों के वित्त मंत्रियों की सोमवार को होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे.वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, मंत्री चीन नहीं जा रहे हैं. हालांकि, अधिकारी ने जेटली के बैठक में शामिल नहीं होने के कारण के बारे में नहीं बताया लेकिन इसका कारण घरेलू मुद्दों का दबाव हो सकता है.
राजग सरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत वरिष्ठ भाजपा नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों के कारण दबाव में है. एआइआइबी के गठन के लिये समझौते पर हस्ताक्षर के लिये करीब 57 देशों के वित्त मंत्रियों के कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है. इस बैंक का गठन महाद्वीप में बुनियादी ढांचा निर्माण के वित्त पोषण के लिये हो रहा है. चीन की राजधानी बीजिंग स्थित एआईआईबी की अधिकृत पूंजी 100 अरब डालर होगी और शुरुआती चुकता पूंजी 50 अरब डालर होने का अनुमान है. आधिकारिक रुप से बैंक के 2015 के अंत में स्थापित होने की संभावना है.
चीन के वित्त मंत्री ने हाल में बीजिंग में कहा था कि बैंक गठन के समझौते पर हस्ताक्षर के बाद प्रस्तावित संस्थापक सदस्यों के प्रतिनिधि समझौते को अपने देश में ले जायेंगे जहां उसे कानूनी तौर पर अंगीकार किया जायेगा.
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