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सरकार के साथ सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी की स्थापना पर कोई मतभेद नहीं : आरबीआइ

नयी दिल्ली : सार्वजनिक ऋण जुटाने के लिए एक एजेंसी के गठन पर सरकार के साथ कोई मतभेद नहीं है. यह बात आज रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मुंदडा ने कही. सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी (पीडीएमए) स्थापित किये जाने के मुद्दे पर सरकार और रिजर्व बैंक के बीच क्या सभी मतभेद दूर कर […]

नयी दिल्ली : सार्वजनिक ऋण जुटाने के लिए एक एजेंसी के गठन पर सरकार के साथ कोई मतभेद नहीं है. यह बात आज रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मुंदडा ने कही.
सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी (पीडीएमए) स्थापित किये जाने के मुद्दे पर सरकार और रिजर्व बैंक के बीच क्या सभी मतभेद दूर कर लिये गये हैं, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हम कहते रहे हैं कि कोई मतभेद नहीं है, तो इसे दूर करने का सवाल कहां पैदा होता है. मौद्रिक नीति समिति के गठन के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार के साथ बातचीत की प्रक्रिया चल रही है.
मुंदडा उद्योग संगठन ऐसोचैम द्वारा यहां आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे. सरकार ने मुद्रास्फीतिक लक्ष्य तय करने और इसके आधार पर मौद्रिक नीति दर निर्धारण के लिए एक मौद्रिक नीति समिति बनाने का प्रस्ताव किया है.
राजकोषीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने पीडीएमए को सरकार और केंद्रीय बैंक से अलग स्वतंत्र रखने का समर्थन किया है.
उन्होंने कल कहा था कि एक पेशेवर संगठन के तौर पर सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी हो, जो केंद्रीय बैंक और सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त हो, हमें इसकी जरुरत है. उन्होंने कहा कि इस तरह का ढांचा यदि बनता है तो उससे सरकार की ऋण प्रबंधन में बेहतर अनुशासन आयेगा और कुछ वित्तीय प्रभाव डालने के लिहाज से नियमन में भी आजादी होगी.

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