मुंबई: विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने रिजर्व बैंक के नियमों के उल्लंघन करने को लेकर रिद्धि-सिद्धि बुलियन (आरएसबीएल) पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही इसका मनोनीत एजेंसी का प्रमाणपत्र (एनएसी) भी रद्द कर दिया है.
एनएसी अनिवार्य दस्तावेज है जो मूल्यवान धातु के सीधे प्रत्यक्ष रुप से आयात के लिये जरुरी है. विदेश व्यापार की अतिरिक्त महानिदेशक कविता गुप्ता के द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि ‘एनएसी को निरस्त किया जाता है और आरएसबीएल पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.’
संपर्क किये जाने पर आरएसबीएल के चेयरमैन पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि कंपनी को ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है. डीजीएफटी ने पिछले अक्तूबर में कारण बताओ नोटिस दिया था. आदेश के अनुसार आरएसबीएल ने सोने का सीधे आयात करने के लिये अप्रैल 2013 में एनएसी प्राप्त किया था. वित्त वर्ष 2013-14 में आरएसबीएल ने 550 किलो सोने का आयात किया था और रिजर्व बैंक के परिपत्र के अनुसार यह पूरी मात्र का निर्यात किया जाना चाहिए था. कंपनी ने केवल 350 किलो सोने का निर्यात किया जबकि शेष 200 किलो सोना घरेलू बाजार में आपूर्ति की गयी. इससे एनएसी नियमों के साथ-साथ रिजर्व बैंक के परिपत्र का उल्लंघन हुआ.
कारण बताओ नोटिस में कहा गया था कि आरएसबीएल ने वित्त वर्ष 2014-15 के लिये एनएसी नवीनीकरण किये जाने का अनुरोध किया था लेकिन शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण इस पर विचार नहीं किया गया. हालांकि आरएसबीएल ने नोटिस के जवाब में कहा था कि उसने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया.
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