नयी दिल्ली : एयर इंडिया के पायलटों के बकायों का भुगतान न होने से चिंतित उनकी यूनियन ने अपने सदस्यों को नोटिस के बिना ही कंपनी छोड़ने की अनुमति देने का सरकार से अनुरोध किया है. सरकार इस सयम इस राष्ट्रीय एयरलाइन को किसी चुनिंदा निवेशक के हाथ बेचने की तैयारी में है.
इन हालात में भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) ने यह चेतावनी भी दी है कि कंपनी को लेकर अनिश्चितताओं के बीच पायलट इसमें काम करने की स्थिति में नहीं हैं. इस यूनियन में लगभग 800 पायलट हैं, जो पतली पेटी वाले विमान उड़ाते हैं. यूनियन ने बकाया के बारे में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को एक कड़ा पत्र लिखा है.
23 दिसंबर को लिखे पत्र में कहा गया है कि आपका यह बयान चिंताजनक है कि अगर 31 मार्च, 2020 तक एयर इंडिया का निजीकरण नहीं किया गया, तो एयर इंडिया बंद हो जायेगी. एयरलाइन के भविष्य को लेकर अनिश्चितता जाहिर करते हुए यूनियन ने मंत्री से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पायलटों के साथ बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार नहीं किया जाये और उन्हें निर्धारित न्यूनतम अवधि का नोटिस दिये बगैर एयर इंडिया छोड़ने की छूट दी जाए. इसके साथ ही, उनके बकायों का भुगतान भी किया जाए.
एयर इंडिया में पायलट को नौकरी छोड़ने का नोटिस छह महीने पहले देना होता है. एयर इंडिया पर 58,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज का बोझ है. पत्र के अनुसार, पायलटों को अक्टूबर का ‘उड़ान भत्ता’ अब तक नहीं मिला है.
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