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प्याज के बाद दाल भी बेकाबू, राज्यों को बफर स्टॉक से बाजार मूल्य पर दलहन उपलब्ध करायेगी सरकार

नयी दिल्ली : घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बुधवार को अपने बफर स्टॉक से 8.47 लाख टन दलहन को बाजार में लाने का फैसला किया है. केंद्र राज्यों को दलहन बाजार मूल्य पर उपलब्ध करायेगा. फिलहाल, देश के प्रमुख शहरों में दालों का भाव औसतन 60-95 […]

नयी दिल्ली : घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बुधवार को अपने बफर स्टॉक से 8.47 लाख टन दलहन को बाजार में लाने का फैसला किया है. केंद्र राज्यों को दलहन बाजार मूल्य पर उपलब्ध करायेगा. फिलहाल, देश के प्रमुख शहरों में दालों का भाव औसतन 60-95 रुपये के प्रति किलोग्राम के बीच है. कुछ जगह उड़द 140 रुपये तक चली गयी है.

सरकारी बयान में कहा गया है कि मूल्य स्थिरीकरण तंत्र के तहत उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बफर स्टॉक से औसतन बाजार दर पर राज्य सरकारों को लगभग 8.5 लाख टन दालों को बेचने की पेशकश की है. इस संबंध में निर्णय उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान लिया गया. इस बैठक में पूरे देश में दालों की कीमतों और उपलब्धता की समीक्षा की गयी थी.

बयान में कहा गया कि इसका उद्देश्य पूरे भारत के बाजारों में दालों की उपलब्धता बढ़ाना सुनिश्चित करना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि कीमतें स्थिर रहें. सरकार ने 3.2 लाख टन अरहर (अरहर), दो लाख टन उड़द, 1.2 लाख टन चना, 1.5 लाख टन मूंग और 57,000 टन मसूर की पेशकश की है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चना की औसत दर 65 रुपये प्रति किलोग्राम, अरहर 85 रुपये प्रति किलोग्राम, उड़द 95 रुपये प्रति किलोग्राम, मूंग 85 रुपये प्रति किलोग्राम और मसूर 60 रुपये प्रति किलोग्राम है. हालांकि, चना की अधिकतम दर 88 रुपये, अरहर की 110 रुपये, उड़द की 140 रुपये, मूंग की 120 रुपये और मसूर की 100 रुपये प्रति किलोग्राम है.

सरकार के फैसले पर टिप्पणी करते हुए भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (आईपीजीए) के अध्यक्ष जीतू भेड़ा ने कहा कि आईपीजीए इस विचार-विमर्श का स्वागत करता है, लेकिन केवल उड़द न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंचे भाव पर बिक रही है. केवल इसे ही बफर स्टॉक से जारी किया जाना चाहिए. अन्य सभी दालें एमएसपी से नीचे बिक रही हैं और इसलिए इनका बफर स्टॉक खाली नहीं किया जाना चाहिए. भेड़ा ने कहा कि सरकार को उड़द के लिए आयात मानदंडों में ढील देने पर विचार करना चाहिए.

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