नयी दिल्ली : भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट मेक माय ट्रिप-गोआईबिबो तथा होटल सेवा प्रदाता ओयो के खिलाफ कथित रूप से अनुचित व्यापार व्यवहार की जांच का आदेश दिया है. इस बारे में होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने शिकायत की थी. इस शिकायत के बाद प्रतिस्पर्धा नियामक ने इन कंपनियों के कारोबार के विभिन्न पहलुओं की जांच के बाद पाया कि प्रथम दृष्टि में यह प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन का मामला है. सीसीआई दो संबद्ध बाजारों के आधार पर इनके खिलाफ आरोपों का आकलन किया.
मेक माय ट्रिप-गोआईबिबो (एमएमटी-गो) देश में होटल की बुकिंग के लिए ऑनलाइन सेवा देती है. वहीं, ओयो देश में बजट होटलों के लिए फ्रेंचाइजी सेवा बाजार है. मेक माय ट्रिप ने गोआईबिबो का अधिग्रहण किया है. मेक माय ट्रिप ने गोआईबिबो का अधिग्रहण किया है. आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टि में एमएमटी-गो संबद्ध बाजार में दबदबे की स्थिति रखती हैं. हालांकि, ओयो सस्ते होटलों के लिए फ्रेंचाइजी सेवा की उल्लेखनीय कंपनी है, लेकिन वह अपने संबद्ध बाजार में दबदबे की स्थिति में नहीं है.
सीसीआई ने अपने 26 पृष्ठ के आदेश में कहा है कि एमएमटी-गो और ओयो के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कानून की धारा 3(4) के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला बनता है. यह धारा प्रतिस्पर्धा रोधी करारों को रोकने से संबंधित है. वहीं, एमएमटी-गो के खिलाफ प्रथम दृष्टया धारा चार के तहत जांच का मामला बनता है. धारा चार बाजार में अपनी दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग से संबंधित है.
सीसीआई की ओर से 28 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा गया है कि ओयो और एमएमटी के बीच वाणिज्यिक करार से ओयो को तरजीह मिलती है और इससे ट्रीबो, फैब होटल या कोई अन्य होटल सीरीज बाहर हो जाती है. ऐसे में इस प्रभाव के आकलन के लिए जांच जरूरी है. इस बीच, ओयो के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सीसीआई की जांच प्रक्रिया में सहयोग जारी रखेगी.
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हम पूरी प्रक्रिया में आयोग के साथ मिलकर काम करेंगे. हम सीसीआई के इस विचार के आभारी हैं कि ओयो होटल सीरीज कंपनी है और कीमत समता, बाजार खराब करने वाली कीमत, अत्यधिक कमीशन आदि के संदर्भ में प्रथम दृष्टया आरोपों को खारिज कर दिया.
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