नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजूदरी में वृद्धि को अधिसूचित कर दिया है. इससे शहर में काम करने वाले करीब 55 लाख श्रमिकों को लाभ होगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी को अधिसूचित किया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी दी. केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कर्मचारियों को अप्रैल से सितंबर अवधि के लिए बढ़े महंगाई भत्ते का बकाया भी मिलेगा. इसके अलावा, उन्हें एक महीने की मजदूरी के बराबर दिवाली बोनस भी दिया जायेगा.
अधिसूचना के अनुसार, बढ़ी हुई मजदूरी के तहत अकुशल कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन 14,842 रुपये मासिक, अर्द्धकुशल कर्मचारियों के लिए 16,341 रुपये तथा कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये मासिक तय किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 44 नियोक्ता संगठनों ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने से संबद्ध दिल्ली सरकार की पूर्व की अधिसूचना के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की अधिसूचना खारिज कर दी, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 अक्टूबर, 2019 को न्यूनतम मजदूरी के संदर्भ में दिल्ली सरकार के पक्ष में आदेश दिया. उन्होंने कहा कि हमने न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी को लेकर अधिसूचना को अधिसूचित कर दिया है. केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से गरीबी हटाने और आर्थिक नरमी से निपटने में मदद मिलेगी. मजदूरी बढ़ने से मांग और फलत: उत्पादन में तेजी आयेगी तथा रोजगार सृजित होंगे. इसके साथ ही, राज्य सरकार ने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं देने पर 1,373 ठेकेदारों को हटा दिया है.
केजरीवाल ने कहा कि हमने इस संदर्भ में विशेष अभियान चलाया और न्यूनतम मजदूरी नियमों का उल्लंघन करने को लेकर 100 से अधिक नियोक्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गये. छह ठेकेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किये गये हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की न्यूनतम मजदूरी देश में सर्वाधिक है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.