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40 पैसा सस्ता हुआ पेट्रोल, डेढ़ महीने में “8.43 कम हुई कीमत
सस्ते हो रहे क्रूड से भारतीय उपभोक्ताओं को मिली राहत अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में नरमी के फायदा भारत के तेल बाजार पर दिख रहा है. शुक्रवार को तेल कंपनियों की अधिसूचना के मुताबिक पेट्रोल के दाम में 40 पैसे और डीजल की कीमतों में 44 पैसे की कमी आयी. गौरतलब है कि […]
सस्ते हो रहे क्रूड से भारतीय उपभोक्ताओं को मिली राहत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में नरमी के फायदा भारत के तेल बाजार पर दिख रहा है. शुक्रवार को तेल कंपनियों की अधिसूचना के मुताबिक पेट्रोल के दाम में 40 पैसे और डीजल की कीमतों में 44 पैसे की कमी आयी. गौरतलब है कि शुक्रवार को क्रूड ऑयल के दाम 54 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है. पिछले डेढ़ महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 30 प्रतिशत से भी कम हो गये हैं.
हालांकि यह और बात है कि भारतीय उपभोक्ताओं को महज 11 प्रतिशत की ही राहत मिली. शुक्रवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट से पेट्रोलियम की कीमत अगस्त महीने से भी निचले स्तर पर चली गयी है. सितंबर अक्तूबर से दाम में लगातार हुई बढ़ोतरी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी थी.
रुपये की मजबूती और क्रूड की कीमतों में गिरावट से राहत
महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें
महानगर पेट्रोल डीजल
नयी दिल्ली Rs 75.57Rs 70.56
मुंबई Rs 81.10Rs 73.91
कोलकाता Rs 77.53Rs 72.41
चेन्नई Rs 78.46 Rs 74.54
आंकड़े प्रति लीटर में
चार अक्तूबर को कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थीं
लगातार गिरते रुपये और क्रूड के ऊंचे होते दाम से चार अक्तूबर को पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी थीं. विपक्ष और जनता के दबाव के बाद सरकार ने एक रुपये एक्साइज ड्यूटी कम की. वहीं तेल कंपनियों ने भी एक रुपये की कमी की. अधिकतर राज्य सरकारों ने भी दो रुपये वैट घटाये. इससे लोगों को कुल पांच रुपये की राहत मिली. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय हालात बदले.
एक डॉलर महंगा क्रूड इंपोर्ट बिल को 6,160 करोड़ रुपये बढ़ाता है
मुंबई. भारत लगातार क्रूड ऑयल का आयात कर रहा है, ऐसे में क्रूड की कीमतों में एक डॉलर प्रति बैरल के तेजी आने पर देश के आयात बिल 6,160 करोड़ रुपये बढ़ जायेगा. इंडिया रेटिंग्स (इंड-रा) ने यह बात कही. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यदि ओपेक और उसके सहयोगी देश तेल सप्लाई को रोकते हैं, तो क्रूड की कीमतें ऊपर जायेंगी. देश का आयात बिल भी बढ़ेगा क्योंकि भारत तेल जरूरतों का 80 प्रतिशत आयात करता है.
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