नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज भूषण स्टील के पूर्व प्रवर्तक नीरज सिंघल की अंतरिम रिहाई का आदेश दिया. सिंघल को कथित रूप से 20 अरब रुपये कोष को इधर-उधर करने के आरोप में गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने गिरफ्तार किया था. न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने एसएफआइओ की अंतरिम आदेश पर रोक की मौखिक अपील को ठुकरा दिया. अदालत ने सिंघल को पांच लाख रुपये के निजी मुचलके और दो-दो लाख रुपये के दो जमानती देने का आदेश देते हुए अंतरिम राहत दे दी.
सिंघल को गत आठ अगस्त को कंपनी कानून के तहत केंद्र के मई, 2016 के आदेश के तहत एसएफआइओ की भूषण स्टील लिमिटेड और भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड के कामकाज की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. सिंघल पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें एसएफआइओ ने गिरफ्तार किया है. एसएफआइओ को पिछले साल अगस्त में किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार मिला था. अधिवक्ताओं रंजना राय गवई, अर्शदीप सिंह और हेमंत शाह के जरिये दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कंपनी कानून के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी गयी है.
ये प्रावधान गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत देने से संबंधित हैं. याचिका में कहा गया है कि यह मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि इसमें अनुचित अंकुश लगाए गए हैं. याचिका में कहा गया है कि यह गिरफ्तारी गैरकानूनी है क्योंकि जांच एजेंसी ने गिरफ्तारी के समय सिंघल को हिरासत में लेने की वजह के बारे में न तो मौखिक और न ही लिखित रूप से कोई जानकारी दी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.