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प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
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Opinion
शुरू हो चुका है रंगमंच का महाकुंभ ‘भारंगम’
Bharat Rang Mahotsav : भारंगम का प्रमुख केंद्र दिल्ली ही रहेगा, पर देश के 10 अन्य शहरों- रांची, भोपाल, अहमदाबाद, बेंगलुरु, जयपुर, अगरतला, गोवा, भटिंडा, खैरागढ़ और गोरखपुर- में भी विभिन्न नाटकों का मंचन होगा.
Bollywood
Republic Day 2025: 75 बरसों में पूरी तरह बदल गयी है भारतीय सिनेमा की...
Republic Day 2025: भारतीय सिनेमा यूं तो 1940 के दशक में ही अपनी मजबूत नींव रख चुका था, लेकिन उस नींव पर ऊंची इमारत 1950 में तब बननी शुरू हुई, जब भारत में गणतंत्र स्थापित हुआ. आज 75 बरसों बाद वही भारतीय सिनेमा एक भव्य महल बनकर विश्व को आकर्षित कर रहा है.
Opinion
गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह
International Film Festival : गोवा में इस फिल्म समारोह के आयोजन का यह 20 वां वर्ष है. हालांकि हमारा समारोह अब भी गोवा फिल्म समारोह की जगह इफ्फी (इंटेरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया) के नाम से ही अधिक प्रचलित है.
Opinion
मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के सम्मान
मिथुन दा के फिल्मी सफर को बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना
Opinion
स्वप्न में भी नृत्य देखती थीं यामिनी कृष्णमूर्ति
अपने नृत्य कौशल से यामिनी 1957-58 के अपने आरंभिक प्रदर्शनों से ही इतनी लोकप्रिय हो गयी थीं कि उनके नृत्य को देखने के लिए दर्शक महंगे टिकट खरीदते थे. उनके नृत्य इतने लोकप्रिय हुए कि उनके घुंघरुओं की गूंज सात समंदर पार तक पहुंच गयी, जिसका परिणाम यह हुआ कि आये दिन लंदन, अमेरिका, रूस, जापान फ्रांस, अफगानिस्तान आदि से उनको नृत्य के लिए आमंत्रण मिलता रहता था.
Opinion
फिर राममय हो रही है संगीत एवं सिनेमा की दुनिया
फिल्मकारों को फिर से राम याद आने लगे हैं, जिससे गीत-संगीत की दुनिया के साथ-साथ टीवी-सिनेमा का रुपहला पर्दा फिर से राममय हो गया है.
Badi Khabar
आवाज के जादूगर अमीन सयानी का जाना
अमीन सयानी ने मुझे एक बार बताया था कि वे सिर्फ सात साल के थे, जब उनके भाई उन्हें चर्च गेट पर ऑल इंडिया रेडियो के ऑफिस ले गये थे. तभी से उन्हें रेडियो से प्यार हो गया.
Badi Khabar
सौ बरसों में कई रंग बदले हैं रेडियो ने
यूं भारत में रेडियो के सौ बरस को देखें, तो रेडियो ने कई रंग बदले हैं. रेडियो के बड़े बड़े आकार से लेकर पॉकेट ट्रांजिस्टर तक कितने ही किस्म के रेडियो सेट आते रहे. आज तो रेडियो डिजिटल होकर मोबाइल फोन पर भी सुलभ है. बरसों पहले रेडियो सुनने के लिए घर में एंटीना लगाया जाता था.
Badi Khabar
भारत रंग महोत्सव : नाटकों का महाकुंभ
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय यूं तो ‘भारत रंग महोत्सव’ का आयोजन 1999 से कर रहा है. परंतु इस वर्ष का यह रंग महोत्सव बेहद खास है. वह इसलिए कि एक तो ‘भारंगम’ का यह रजत जयंती वर्ष है. दूसरा, पहली बार इस आयोजन में देश-विदेश के लगभग 150 नाटकों का मंचन होने जा रहा है.