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पंकज चतुर्वेदी

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पटाखों से विषैला होता वायुमंडल

केवल एक रात में पूरे देश में हवा इतनी जहरीली हो गयी कि 68 करोड़ लोगों की जिंदगी तीन साल कम हो गयी.

मौतघर में बदलते सीवर और सुप्रीम कोर्ट का आदेश

अुनमान है कि हर वर्ष देशभर के सीवरों में औसतन एक हजार लोग दम घुटने से मरते हैं. जो दम घुटने से बच जाते हैं, उनका जीवन सीवर की विषैली गंदगी के कारण नरक से भी बदतर हो जाता है. देश में दो लाख से अधिक लोग जाम सीवरों को खोलने, मेनहोल में जमा गाद, पत्थर को हटाने के काम में लगे हैं.

चिंताजनक है शहरों में बाढ़ की स्थिति

इस बार की बाढ़ देश के सभी स्मार्ट शहरों के लिए गंभीर चेतावनी है. अभी भी समय है कि नागपुर की नाग-पीली–पोहरा नदी की तरह अन्य शहरों की छोटी नदियों या फिर उनके नैसर्गिक मार्गों और उनके साथ झीलों के आगम-मिलन की पुरानी तकनीक को पहचाना जाए.

पक्षियों का घटना जैवविविधता के लिए नुकसानदेह

सामान्य जीवन में भी किसी चीज का उपयोग तभी बढ़ता है जब वह अच्छी होती है. शेयर बाजार में भी यही हो रहा है. निवेशकों को लग रहा है कि शेयर अच्छे हैं, इसलिए वे जमकर खरीद रहे हैं.

छोटी नदियों को हड़पने से डूबते हैं शहर

नदियों के इस तरह रूठने और उससे बाढ़ और सुखाड़ आने की कहानी पूरे देश की है. लोग पानी के लिए पाताल का सीना चीर रहे हैं और निराशा हाथ लगती है.

डूबते शहरों को बचाने के लिए तैयारी जरूरी

रिपोर्ट में कहा गया था कि जलवायु परिवर्तन के कारण बरसात का स्वरूप बदल रहा है. इससे बाढ़ और सुखाड़, दोनों की मार और तगड़ी होगी.