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डॉ धनंजय
प्राध्यापक साउथ एशियन यूनिवर्सिटी, नयी दिल्ली
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National
अप्रत्याशित संकटों से निपटने की तैयारी
‘ब्लैक स्वान’ घटनाओं का तात्पर्य ऐसी घटनाओं से है, जो अचानक घटित हो, जो कल्पना से परे हो. सुरक्षा के मायने केवल सीमा सुरक्षा की पारंपरिक समझ तक सीमित नहीं है.
Badi Khabar
सरकार पर हावी रहेगी पाकिस्तानी सेना
इस चुनाव ने फिर यह साबित किया है कि अगर पाकिस्तान में किसी भी प्रकार का लोकतंत्र चलाना है, तो वह पाकिस्तानी सेना को विश्वास में लिये बिना नहीं किया जा सकता है. इमरान खान के साथ जो भी हुआ है और हो रहा है, उसकी एकमात्र वजह उनका सेना से टकराव रहा है.
Badi Khabar
ईरान और पाकिस्तान के बीच टकराव
पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान हमारे पड़ोस में हैं. इसलिए भारत की आशा यही रहेगी कि दोनों देशों का टकराव आगे नहीं बढ़े और कोई बड़ा संकट पैदा न हो. इस संबंध में कूटनीतिक प्रयासों से तनावों का हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिए.
Opinion
भूटान का ऐतिहासिक आर्थिक निर्णय
इस परियोजना का आधार तब तैयार हुआ था, जब हाल में भूटान के नरेश भारत के दौरे पर आये थे. उस समय भारत और भूटान के बीच एक रेल नेटवर्क बनाने का समझौता हुआ था. अपने संबोधन में भी भूटान नरेश ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार को धन्यवाद दिया है.
Opinion
गाजा में अस्थायी युद्धविराम सराहनीय
इस समझौते की बड़ी जरूरत थी. यह सराहनीय है कि दोनों पक्ष इस बात को समझ चुके हैं. इस समझौते को कराने में कतर और मिस्र की केंद्रीय भूमिका रही है. अमेरिका ने भी कहा है कि समझौते की हर शर्त को लागू किया जाना चाहिए. लेकिन इस अस्थायी प्रक्रिया को शांति के लिए वार्ता नहीं समझा जाना चाहिए.
Opinion
गलत है अफगान शरणार्थियों का निष्कासन
शायद आशा नहीं की जा सकती है कि पाकिस्तानी सरकार शरणार्थियों के निष्कासन की नीति को वापस लेगी क्योंकि पाकिस्तान को यह समझ में आ गया है कि तालिबान के साथ उनकी वैसी पटरी नहीं बैठेगी, जैसी उसे उम्मीद थी.
Opinion
भारत के लिए आसियान कई मायने में अहम
भारत में इसी सप्ताह जी-20 शिखर सम्मेलन होना है और इस वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान शिखर सम्मेलन में जाने को लेकर थोड़ी हिचकिचाहट दिखा रहे थे
Opinion
पाकिस्तान में स्थिरता की उम्मीद नहीं
ऐसा होने की आशंका न के बराबर है कि सत्ता पर सेना काबिज हो जाए. वह मौजूदा सरकार के जरिये ही इमरान खान को काबू में करने की कोशिश करेगी और बहुत संभव है कि इमरान खान लंबे समय के लिए जेल भेज दिये जाएं.
Opinion
बचाव अभियानों से भारत का बढ़ता कद
हाल तक ऐसा कहा जाता था कि केवल पश्चिमी देश ही अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील रहते हैं. लेकिन अब भारत ने जैसी सक्रियता दिखायी है, उससे साफ है कि सरकार अपने नागरिकों के लिए प्रतिबद्ध है.