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Raksha Bandhan 2020 : खजूर के पत्ते वाली राखी हो गई वायरल, देखें छत्तीसगढ़ के अनिल कैसे कर रहे तैयार

raksha bandhan 2020, date and Time, Unique Rakhi, Essay, Nibandh : रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 3 अगस्त 2020 यानी दिन सोमवार को देशभर में मनाया जाएगा. हर साल यह त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है.कोरोना युग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया और उसे पूरा करते नजर आ रहे हैं छत्तीसगढ़ के अनिल. अनिल की खासियत यह है कि वे खजूर के पत्ते से राखी बना रहे हैं. यह आर्गेनिक राखी ना सिर्फ बहुत खूबसूरत हैं, बल्कि सस्ती भी है.

Raksha Bandhan 2020 : (रायगढ़) कोरोना युग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया और उसे पूरा करते नजर आ रहे हैं छत्तीसगढ़ के अनिल. अनिल की खासियत यह है कि वे खजूर के पत्ते से राखी बना रहे हैं. यह आर्गेनिक राखी ना सिर्फ बहुत खूबसूरत हैं, बल्कि सस्ती भी है. आपको बता दें कि रक्षाबंधन (Rakhi 2020) का त्योहार इस साल 3 अगस्त 2020 यानी दिन सोमवार को देशभर में मनाया जाएगा. हर साल यह त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा (Sawan 2020) को मनाया जाता है.

Unique Rakhi : आधे घंटे में तैयार हो जाती है नेचुरल राखी

अनिल का कहना है कि एक राखी बनाने में करीब आधा घंटा लगता है. वे इस कला को अपने गांववालों को भी सिखा रहे हैं, लेकिन उनकी राखियों के लिए बाजार उपलब्ध नहीं है. वे सरकार और प्रशासन से यह गुजारिश कर रहे हैं कि उनकी राखियों के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाये.

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गौरतलब है कि भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष 3 अगस्त को मनाया जायेगा, इसके लिए बहनों ने राखी की खरीदारी शुरू कर दी है. भारत-चीन संबंधों में आयी खटास के कारण इस बार देश में चीनी राखी का विरोध हो रहा है, यही कारण है हाथ से बनी राखियों की इस वर्ष डिमांड है. लेकिन अनिल को बाजार नहीं मिल पा रहा है.

प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा दिया है, यही कारण है कि अनिल जैसे लोग आगे आ रहे हैं और अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. देश के कोने-कोने से ’वोकल फॉर लोकल’ का नारा बुलंद किया जा रहा है.

पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में भी इसका जिक्र किया था. भारतीय सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए भी इस वर्ष 10 हजार से अधिक राखियां महिलाओं ने हाथ से बनायी है, जिसे रक्षामंत्री को सौंपा गया था. ऐसी परिस्थितियों में अनिल का प्रयास काबिलेगौर है.

Posted By : Rajneesh Anand

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