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शहीद की पत्नी ने कहा : जीते जी गांव में सैनिक स्कूल खुलता देंखू

शहीद की पत्नी ने कहा : जीते जी गांव में सैनिक स्कूल खुलता देंखू एकलव्य स्कूल खुलना था. जिसे जारी के बजाये बसिया में बनाया जा रहा है.दुर्जय पासवान, गुमलापरमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का की ख्वाहिश है कि जीते जी गांव में सैनिक स्कूल खुलता देंखू. प्रभात खबर के प्रतिनिधि […]

शहीद की पत्नी ने कहा : जीते जी गांव में सैनिक स्कूल खुलता देंखू एकलव्य स्कूल खुलना था. जिसे जारी के बजाये बसिया में बनाया जा रहा है.दुर्जय पासवान, गुमलापरमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का की ख्वाहिश है कि जीते जी गांव में सैनिक स्कूल खुलता देंखू. प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने शहीद की पत्नी से जब बात की तो उन्होंने कहा है कि मेरे गांव के बच्चे भी मेरे शहीद पति की तरह सेना में भरती होकर देश की सेवा करें. अगर गांव में ही सैनिक स्कूल खुल जाये, तो बच्चे यहां आसानी से पढ़-लिख कर सेना में भरती हो सकते हैं. बलमदीना ने कहा : जारी दूरस्थ गांव है. धीरे-धीरे गांव का विकास हो रहा है. लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में कई सपने अधूरे हैं. मेरे पति के नाम से जारी प्रखंड बना, लेकिन इस प्रखंड के कई गांव अभी भी बहुत दूर व पहाड़ पर हैं. पहाड़ी इलाके के गांव में रहनेवाले बच्चे शहर में जाकर नहीं पढ़ सकते. क्योंकि उनके पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं है. अपना पेट पालें कि शहर जाकर पढ़ें. इसलिए अगर जारी में सैनिक स्कूल खुलता है, तो बच्चे आसानी से यहां पढ़ सकते हैं.नहीं खुला एकलव्य स्कूलजारी प्रखंड में एकलव्य स्कूल खुलना था, लेकिन नहीं खुला. जबकि स्कूल खोलने की पूरी तैयारी हो गयी थी. अंतिम क्षण में उसे बसिया प्रखंड ले जाया गया. इसमें राज्य के एक नेता का हाथ है. एकलव्य स्कूल के संबंध में कहा : शहीद के प्रखंड के साथ अन्याय हुआ है. जब एकलव्य स्कूल यहां खुलना था तो उसे दूसरे स्थान क्यों ले जाया गया. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जारी में एकलव्य स्कूल खोला जाये. जारी में सेना बहाली के लिए कैंप लगे : भाईशहीद के छोटे भाई एक्समेन नायक फरदीनंद एक्का भी सेना में थे. वे 1973 से 1994 तक सेना में थे. रिटायर होने के बाद फिलहाल गांव में रह कर खेतीबारी करते हैं. कुछ दिन पूर्व प्रभात खबर से बात करते हुए फरदीनंद से कहा था कि जारी में अलबर्ट एक्का जैसे वीर सपूत ने जन्म लिया है. इस क्षेत्र से कई लोग सेना में हैं. कई लोग रिटायर होकर घर में रहते हैं. परंतु जारी प्रखंड उपेक्षित है. इस क्षेत्र में अगर सेना बहाली के लिए कैंप लगाया जाये, तो कई युवक सेना में भरती लेंगे. इस क्षेत्र की जो स्थिति है, अगर ज्यादा से ज्यादा युवकों को सेना में भरती किया गया, तो क्षेत्र में शांति व अमन चैन रहेगा. सभी युवक देशभक्त हो जायेंगे.

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