21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को दी गर्भपात कराने की इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक दुष्कर्म पीड़िता को 30 हफ्ते का गर्भ गिराने की इजाजत दे दी. जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने करीब 30 सप्ताह की गर्भावस्था वाली 14 वर्षीय कथित बलात्कार पीड़िता को चिकित्सीय गर्भपात कराने की अनुमति दे दी. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने किसी भी मामले में पूर्ण न्याय देने के लिए आवश्यक आदेश पारित करने का अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुंबई के सायन स्थित लोकमान्य तिलक महानगरपालिका सर्वसाधारण रुग्णालय एवं वैद्यकीय महाविद्यालय (एलटीएमजीएच) के डीन को निर्देश दिया कि वह नाबालिग के गर्भपात के लिए चिकित्सकों के दल का तत्काल गठन करें. उसने नाबालिग के गर्भ को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को भी रद्द कर दिया. यह याचिका पीड़िता के पिता ने दायर की थी.

शीर्ष अदालत ने 19 अप्रैल को नाबालिग की चिकित्सकीय जांच का आदेश दिया था. उसने मुंबई के सायन स्थित अस्पताल से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा था कि अगर पीड़िता चिकित्सकीय रूप से गर्भपात कराती है या उसे ऐसा न करने की सलाह दी जाती है तो इसका उसकी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति पर क्या असर पड़ने की संभावना है. ‘गर्भ का चिकित्‍सकीय समापन अधिनियम’ (एमटीपी) के तहत, विवाहित महिलाओं के साथ-साथ विशेष श्रेणियों की महिलाओं के लिए भी गर्भावस्था को समाप्त करने की ऊपरी सीमा 24 सप्ताह है. इन विशेष श्रेणियों में बलात्कार पीड़िताएं और दिव्यांग एवं नाबालिग शामिल हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें