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मनरेगाकर्मियों की सेवा होगी स्थायी

पंचायत रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक व लेखापाल का समायोजन लेखा सहायक पद पर पटना : ग्रामीण विकास सह पंचायती राज मंत्री नीतीश मिश्र ने मनरेगाकर्मियों की सेवा स्थायी करने के संबंध में निर्णय ले लिया है. इसका खुलासा उन्होंने अपने फेसबुक के माध्यम से किया है. मनरेगा के तहत संविदा पर काम कर रहे […]

पंचायत रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक व लेखापाल का समायोजन लेखा सहायक पद पर
पटना : ग्रामीण विकास सह पंचायती राज मंत्री नीतीश मिश्र ने मनरेगाकर्मियों की सेवा स्थायी करने के संबंध में निर्णय ले लिया है. इसका खुलासा उन्होंने अपने फेसबुक के माध्यम से किया है. मनरेगा के तहत संविदा पर काम कर रहे पंचायत रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक, लेखापाल और कनीय अभियंताओं की सेवा का समायोजन करने का निर्णय 13 फरवरी को लेते हुए उसका अनुमोदन कर दिया है.
अब इन सभी कर्मियों के समायोजन पर प्राधिकृत समिति एवं मंत्रिपरिषद से स्वीकृत होना है. उन्होंने लिखा है कि पंचायती राज विभाग में उपलब्ध राजीव गांधी सशक्तीकरण अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में एक-एक पंचायत सहायक एवं लेखा सहायक-सह-डाटा इंट्री ऑपरेटर और प्रति 10 पंचायत पर एक कनीय अभियंता के पदों पर नियुक्ति की जानी है.
मनरेगाकर्मियों को लगभग सात वर्ष के कार्य का अनुभव है. मनरेगा योजना में कार्यरत लगभग 7700 पंचायत रोजगार सेवकों, 800 पंचायत तकनीकी सहायकों एवं लगभग 500 लेखापालों का लेखा सहायक के पद पर समायोजित कर नियुक्ति करने, लगभग 500 कंप्यूटर ऑपरेटरों को पंचायत सहायक के पद पर व लगभग 500 कनीय अभियंताओं को कनीय अभियंता के पद पर समायोजन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है.
उन्होंने लिखा है कि उनके कार्यो से ही राज्य को मनरेगा योजना के तहत पारदर्शिता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार व सतत आजीविका के लिए वर्ष 2012-13 में राज्य को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ. मनरेगा योजना में संविदा आधारित कर्मियों के भविष्य के प्रति अनिश्चितता समाप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण एवं मानवीय निर्णय लेने पर अपार संतुष्टि एवं प्रसन्नता हो रही है. वर्ष 2007-08 से बिहार के लगभग 10 हजार प्रतिभाशाली युवा एक कठिन परीक्षा में उत्तीर्ण होकर बिहार के ग्राम अंचलों में पूरी निष्ठा से योजना को सरजमीं पर उतारने में जुटे हुए हैं. मनरेगा कर्मियों ने इस अवधि में अनेक उतार-चढ़ाव देखें .
योजनाओं के कार्यान्वयन में गड़बड़ी पाये जाने पर दर्जनों के खिलाफ कार्रवाइयां भी हुई. बदली राजनीतिक परिस्थिति में मुङो पंचायती राज विभाग के मंत्री का भी प्रभार मिला. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मनरेगा कर्मियों के भविष्य की अनिश्चितता से द्रवित होकर उनके भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पहल करने का निदेश पंचायती राज विभाग को दिया था. विभाग इस विषय पर सक्रि य नहीं था. पंचायती राज विभाग का मंत्री बनते ही मुङो लगा कि मनरेगा कर्मियों के कल्याण का समय आ गया है. कर्मियों के कल्याण की दिशा में की गयी यह अद्वितीय पहल देश भर के महात्मा गांधी नरेगा कर्मियों के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी.

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