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नक्सलियों के गढ में पीएम नरेंद्र मोदी ने की बच्चों से बात कहा, काम करने से तनाव होता है कम

दंतेवाडा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजएक दिन की छत्तसीगढ़ यात्रा पर हैं.दंतेवाडामें प्रधानमंत्री ने जवांका गांव में 100 एकड़ में एजुकेशन सिटी में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां बच्चों की शिक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से 120 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया है.उधर, आज नक्सलियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन […]

दंतेवाडा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजएक दिन की छत्तसीगढ़ यात्रा पर हैं.दंतेवाडामें प्रधानमंत्री ने जवांका गांव में 100 एकड़ में एजुकेशन सिटी में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां बच्चों की शिक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से 120 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया है.उधर, आज नक्सलियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से चार घंटे पहले उनकी सभा में शामिल होने जा रहे लगभग 500 ग्रामीणों को बंधक बना लिया. यह घटना क्षेत्र टोंगपाल थाना क्षेत्र के मारेंगा गांव के करीब घटी है. साथ ही एक जगह रेल ट्रेक उखाड कर यातायात अवरुद्ध किया.

भाजपा सासंद व पूर्व गृहसचिव आरके सिंह नेप्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने वालों कोबंधक बनाये जाने की खबर को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि वे यह बात राज्य के डीजीपी से बात करने के बाद कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि नक्सली रोड व पुल कस्ट्रक्शन का विरेाध कर रहे हैंऔर संबंधित मामला उसी से जुडा है.

प्रधानमंत्री और बच्चों के बीच यहां सीधी बातचीत हुई. बच्चों ने प्रधानमंत्री से सवाल किये. इस मौके पर छत्तीसगढके मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम में बच्चों ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, एक छात्रा हर्षिता नाग ने मोदी के 18 घंटे लगातार काम करने और तनाव मुक्त रहने का राज पूछा.

मोदी ने जवाब में कहा कि अगर हम यह गिनना शुरू कर देते हैं कि हमने कितने घंटे काम किया तो परेशानी होती है. काम ना करने का तनाव होता है काम करने से राहत मिलती है.मोदी ने एक कहानी के जरिये इसे समझाने की कोशिश की, जिसमें एक बच्ची अपने भाई को गोद में लेकर पहाड़ चढ़ रही थी एक स्वामी ने उससे पूछा कि तुम्हें थकान नहीं लग रही तब बच्ची ने कहा मेरा भाई है. स्वामी ने कहा अरे भाई मैं यह पूछ रहा हूं कि तुम्हें थकान नहीं लगती बच्ची ने फिर जवाब दिया मेरा भाई है. स्पष्ट था कि अपनों के लिए किया काम थकान नहीं देता. उसी तरह मेरे देशवासियों के लिए किया गया काम मुझे थकान नहीं देता.

एक बच्चे ने मोदी से पूछा कि आप अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता किसे मानते हैं और इसका श्रेय किसे देते हैं. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, जीवन को सफलता और विफलता के पैमाने पर नहीं मापना चाहिए. हां असफलता से सीखना जरूर चाहिए. मैं अपना लक्ष्य तय करता हूं सफलता और विफलता में नहीं फसंता हां, इससे सीखने का प्रयास करता हूं.
छात्र निलेश कश्यप ने पूछा अगर आप राजनीति में नहीं होते तो कहां होते. इस सवाल को मोदी चतुराई से टाल गये. उन्होंने कहा मेरा मन हमेशा बच्चे से प्रभावित रहता है. मैं हमेशा बच्चा ही बना रहना चाहता हूं. छात्र ने उनसे सफलता का राज पूछा तो उन्होंने कहा पता होना चाहिए क्या करना चाहिए. रोज नये विचार करने वालों के मन में सफलता नहीं आती. मन की इच्छा स्थिर होनी चाहिए. मोदी ने छात्रों से पूछा कि आप क्या बनना चाहता है. डॉक्टर, इंजिनियर बनने के उदेश्य से मेहनत ना करें. बस अपना काम मेहनत के साथ करें. प्रधानमंत्री ने छात्रों से खेल के महत्व को भी साझा किया. उन्होंने कहा कि खेल से पढ़ाई को नुकसान नहीं होता. दिन में चार बार पसीना आये इतनी मेहनत करें. कार्यक्रम के बाद बच्चों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उनसे बातें की. इस समारोह में बच्चों में भी खासा उत्साह देखा गया.

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