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इजरायल के साथ कर्इ अहम सौदे को अमलीजामा पहनायेंगे पीएम मोदी, द्विपक्षीय व्यापार को मिलेगी मजबूती

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री मोदी की इजरायल यात्रा के दौरान मेक इन इंडिया आैर निवेश को बढ़ावा देने के साथ कर्इ अहम सौदे किये जाने की उम्मीद की जा रही है. अपनी तीन दिन की यात्रा शुरू करने के पहले पीएम मोदी ने इस बात के संकेत दिये हैं कि वे वहां जाकर अपने समकक्ष बेंजामिन […]

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री मोदी की इजरायल यात्रा के दौरान मेक इन इंडिया आैर निवेश को बढ़ावा देने के साथ कर्इ अहम सौदे किये जाने की उम्मीद की जा रही है. अपनी तीन दिन की यात्रा शुरू करने के पहले पीएम मोदी ने इस बात के संकेत दिये हैं कि वे वहां जाकर अपने समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ आतंकवाद जैसी समान चुनौतियों और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही वे वहां के शीर्षस्थ भारतीय और इजरायली सीईओ और स्टार्ट-अप के साथ व्यापार का विस्तार करने और जमीनी निवेश सहयोग बढ़ाने की साझा प्राथमिकता पर चर्चा भी करेंगे.

इस खबर को भी पढ़ेंः तीन दिवसीय ऐतिहासिक इजरायल दौरे के लिए रवाना हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

उन्होंने अपने बयान में कहा है कि मुझे मौके पर जाकर यात्रा करके प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषिता में इजरायल की उपलब्धियों को समझना है. इस यात्रा के दौरान उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा क्षेत्र में पहले से दोनों देशों के बीच स्थापित द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ावा देने के साथ ही मेक इन इंडिया पर भी विस्तार से बातचीत करेंगे.

यरूशलम पोस्ट की खबरों के अनुसार, मोदी ने कहा कि उनके दौरे से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे. भारत रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा आयातक है और इजरायल उसका एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन चुका है. इजरायली मीडिया के अनुसार, दोनों देशों के बीच हर साल एक अरब डॉलर से अधिक का रक्षा कारोबार होता है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत और इस्राइल के बीच संबंध सुधारने तथा इसे नये स्तर तक ले जाने को प्रतिबद्ध है.

बीबीसी की एक खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि तकनीक का ट्रांसफर हो और धीरे धीरे मिसाइलें, एयरफोर्स के पुर्जे और ऐसी चीज़ें भारत में भी बनाई जायें. इजरायल अब तक यह बहाना बनाकर टाल रहा था कि अमेरिका इसकी इजाजत नहीं दे रहा है, लेकिन कई ऐसी चीजें हैं, जो इजरायल की तकनीक से ही बनती हैं. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री उस दिशा में जोर देंगे और मेक इन इंडिया के लिहाज से यह अहम कदम होगा.

कहा यह भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री भले ही अपने कार्यकाल के तीन साल बाद इजरायल की यात्रा पर गये हों, लेकिन इसके पहले उन्होंने अपने सहयोगी मंत्रियों को वहां भेजकर इस यात्रा की भूमिका तैयार की है. कुल मिलाकर कहा यह जा रहा है कि पीएम मोदी की इस यात्रा से पहले उसकी जमीन तैयार की गयी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले ईरान, तुर्की, क़तर, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों का दौरा किया है, लिहाजा ‘क्षेत्रीय गतिविधियों’ के लिहाज से भी यह यात्रा अहम होगी.

इस रिश्ते का एक बड़ा सूत्र यह भी है कि इजरायल भारत को रक्षा सामग्रियों के निर्यातक देशों में सबसे अहम है. बीते कुछ सालों के वैदेशिक संबंधों पर नजर डालें, तो भारत के लिए रूस के बाद इजरायल दूसरा अहम रक्षा सामग्रियों का आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है. भारत अपनी सेनाओं के लिए वहां से अहम हथियार, इलेक्ट्रॉनिक गेयर और तकनीक आयात करता है.

इजरायल की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी इस यहूदी राष्ट्र की तीन दिन की यात्रा पर जायेंगे. इसके बाद वह जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए जर्मनी के हैमबर्ग जायेंगे. इस्राइल में वह राष्ट्रपति रियुवेन रुवी रिवलिन से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के विभिन्न कंपनियों के सीईओ तथा भारतवंशी समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे.

प्रधानमंत्री छह जुलाई को हैमबर्ग जाएंगे जहां वह जर्मनी की मेजबानी में सात-आठ जुलाई को आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.इस साल सम्मेलन की थीम ‘शेपिंग ऐन इनर-कनेक्टिड वर्ल्ड ‘ है.

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