29.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

अमेरिका के नेतृत्व में बुलाई गई 30 देशों की बैठक में रैंसमवेयर हमलों से मुकाबला का लिया गया संकल्प

Ransomware Threat अमेरिका द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में दक्षिण कोरिया, जापान और यूके सहित 30 से ज्यादा देशों ने रैंसमवेयर हमलों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया. इस दौरान प्रतिभागियों ने सॉफ्टवेयर के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई पर सहमति व्यक्त की.

Ransomware Major Cybersecurity Threat अमेरिका द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में दक्षिण कोरिया, जापान और यूके सहित 30 से ज्यादा देशों ने शुक्रवार को रैंसमवेयर हमलों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया. इस दौरान प्रतिभागियों ने सॉफ्टवेयर के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई पर सहमति व्यक्त की, जो कि चीन, रूस और उत्तर कोरिया सहित अन्य देशों में स्थित अपराधियों द्वारा विश्व स्तर पर साइबर हमले में तेजी से उपयोग किया जा रहा है.

अमेरिका के नेतृत्व में रैंसमवेयर रोधी पहल पर अब तक की पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक में भारत ने कहा कि रैंसमवेयर हमले सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के समक्ष पेश सबसे बड़ी चुनौती हैं. रैंसमवेयर एक तरह का सॉफ्टवेयर है. जिसके जरिए वसूली करने के लिए लोग, पीड़ितों के कंप्यूटर के संचालन को ब्लॉक कर देते हैं. व्हाइट हाउस द्वारा आयोजित काउंटर रैंसमवेयर इनीशिएटिव में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने कहा कि तेजी से बढ़ते डिजिटलीकरण और क्रिप्टोकरेंसी ने साइबर क्षेत्र को और अधिक संवेदनशील बना दिया है.

राजेश पंत ने कहा कि रैंसमवेयर, साइबर खतरे का एक विकसित रूप है और अपराधी अधिक परिष्कृत तथा चालाक होते जा रहे हैं. आगामी वैश्विक गतिशीलता ने भी इस डिजिटल स्वरूप को और खतरे में डाल दिया है. उन्होंने कहा, वैश्विक महामारी कोविड ने भी इसे और बढ़ावा दिया है और डिजिटलीकरण को लेकर जल्दबाजी ने भी सूचना प्रौद्योगिकी को संवेदनशील बनाया है. इसके लिए जिम्मेदार एक और पहलू क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता भी है, जिसके लेनदेन का पता लगाना भी मुश्किल है.

आईटी महाशक्ति के रूप में पहचाने जाने वाले भारत ने इस चुनौती से निपटने को लिए हुई चर्चा का नेतृत्व करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. राजेश पंत ने कहा कि आज विश्व में रैंसमवेयर हमले सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के समक्ष पेश सबसे बड़ी चुनौती हैं. 2021 के अंत तक रैंसमवेयर के हर 11 सेकंड में एक कम्पनी पर हमला करने और 20 अरब डॉलर तक का नुकसान पहुंचाने की आशंका है. राजेश पंत ने कहा कि इन बढ़ते खतरों को देखते हुए, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे संगठन, विशेषकर राष्ट्र की महत्वपूर्ण अवसंरचनाएं सुरक्षित रहें.

बता दें कि रैंसमवेयर रोधी पहल पर अब तक की पहली वैश्विक बैठक में भारत सहित 30 देश शामिल हुए. दो दिवसीय इस सम्मेलन की शुरुआत बुधवार को हुई थी. चीन और रूस ने व्हाइट हाउस की मेजबानी में आयोजित दो दिवसीय डिजिटल बैठक में भाग नहीं लिया. वहीं, विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान दक्षिण कोरिया ने रैंसमवेयर से उत्पन्न खतरे के खिलाफ वैश्विक अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

Also Read: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सेहत में सुधार, एम्स दिल्ली ने दी जानकारी

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें