21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत से 5800 लोगों को ले जाएगा इजरायल, कौन हैं ‘बेनी मेनाशे’, जिसके लिए खर्च करेगा 240 करोड़ रुपये यहूदी देश

Israel approved Bnei Menashe Jews return form India: इजरायल सरकार ने अगले पांच वर्षों में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र से शेष सभी 5,800 यहूदियों को लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इन यहूदियों को आमतौर पर ‘बेनी मेनाशे’ कहा जाता है. इजरायल की ‘जुइश एजेंसी’ ने कहा कि बेनी मेनाशे समुदाय के अलियाह (आव्रजन) को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण, व्यापक पहल को रविवार को मंजूरी दे दी.

Israel Bnei Menashe Jews India: इजरायल सरकार ने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रहने वाले यहूदी मूल के बेनी मेनाशे समुदाय के अंतिम चरण के आव्रजन (अलियाह) को हरी झंडी दे दी है. इसके तहत इजरायल 5800 लोगों को इजरायल ले जाएगा. यह कदम न केवल समुदाय की दशकों पुरानी इच्छा की पूर्ति है, बल्कि इजरायल की जनसंख्या, सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक विविधता पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला कदम माना जा रहा है. इस निर्णय से भारत और इजरायल के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध और भी मजबूत होंगे.

इजरायल सरकार ने आगामी पांच वर्षों में (2030 तक) भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में रहने वाले बाकी बचे 5800 बेनी मेनाशे यहूदियों को इजरायल लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह निर्णय एक लंबे समय से चल रही उस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण चरण है, जिसके तहत समुदाय के लोगों को उनके ऐतिहासिक मातृभूमि में वापस बसाने की कोशिश की जा रही है. इजरायल की प्रमुख संस्था ‘जुइश एजेंसी’ ने पुष्टि की है कि सरकार ने इस महत्वपूर्ण और व्यापक पहल को आधिकारिक रूप से स्वीकृत कर दिया है.

खर्च किए जाएंगे 240 करोड़ रुपये

जुइश एजेंसी के अनुसार यह पहली बार होगा कि वह स्वयं पूर्व-आव्रजन (प्री इमिग्रेशन) प्रक्रिया का नेतृत्व करेगी. इस योजना के लिए लगभग नौ करोड़ शेकेल (करीब 2.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 240 करोड़ रुपये) का विशेष बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें उड़ान व्यवस्था, आवास, हिब्रू भाषा प्रशिक्षण, धार्मिक शिक्षाएं और एकीकरण कार्यक्रमों को शामिल किया गया है. अगले वर्ष यानी 2026 में 1200 सदस्यों को इजरायल लाने की प्रक्रिया भी पहले से मंजूर कर दी गई है.

यहूदी रब्बी करेंगे इंटरव्यू

इस प्रस्ताव को इजरायल के आव्रजन एवं एकीकरण मंत्री ओफिर सोफर ने मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया. इसके तुरंत बाद घोषणा की गई कि आगामी दिनों में रब्बियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करेगा, जो समुदाय के लगभग 3,000 बेनी मेनाशे सदस्यों का इंटरव्यू करेगा. यह प्रतिनिधिमंडल पिछले दस वर्षों में भेजा जाने वाला सबसे बड़ा समूह होगा और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आव्रजन प्रक्रिया धार्मिक और सांस्कृतिक मानदंडों के अनुरूप हो.

कौन हैं बेनी मेनाशे?

बेनी मेनाशे समुदाय खुद को मेनाशे जनजाति का वंशज बताता है, यह वही जनजाति है जो लगभग 2700 साल पहले असीरियाई साम्राज्य द्वारा निर्वासित की गई दस खोई हुई इजरायली जनजातियों में से एक मानी जाती है. भले ही अतीत में उनकी यहूदी पहचान को लेकर विवाद होता रहा हो, लेकिन 2005 में तत्कालीन सेफार्डी मुख्य रब्बी श्लोमो अमर ने उन्हें ‘इजरायल का वंशज’ मान्यता देते हुए स्पष्ट किया कि वे यहूदी विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं. इस धार्मिक मान्यता ने उनके इजरायल प्रवास का रास्ता आधिकारिक रूप से खोल दिया था.

अब तक समुदाय के करीब 2500 सदस्य इजरायल में बस चुके हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि इस समुदाय के कई युवा इजरायली रक्षा बलों (IDF) की लड़ाकू इकाइयों में सक्रिय सेवा दे रहे हैं, जिससे उनकी पहचान एक अनुशासित, समर्पित और समाज में घुल-मिल जाने वाले समूह के रूप में मजबूत हुई है.

लंबे समय से कर रहे यहूदी परंपरा का पालन

भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र मुख्य रूप से मणिपुर और मिजोरम में रहने वाला बेनी मेनाशे समुदाय लंबे समय से अपनी यहूदी परंपराओं, त्योहारों और धार्मिक रीति-रिवाजों को संरक्षित किए हुए है. इजरायल सरकार का यह निर्णय न केवल उनके लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत और अपनी जड़ों से जुड़ने की यात्रा का अंतिम अध्याय भी माना जा रहा है. जुइश एजेंसी का कहना है कि यह परियोजना सिर्फ इमिग्रेशन नहीं, बल्कि एक मानवीय और ऐतिहासिक प्रयास है. इसकी बदौलत समुदाय अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को इजरायल की भूमि पर मजबूती से आगे बढ़ा सकेगा.

ये भी पढ़ें:-

चालबाजी से बाज नहीं आ रहा चीन, भारत के साथ LAC सीमा और तिब्बत में बढ़ा रहा मजबूती, एक्सपर्ट्स ने खोली पोल

श्मशान घाट पर जिंदा हो गई महिला, घर वालों ने कर ली थी पूरी तैयारी, मंदिर में किस्मत ने बचा लिया

इमैनुएल मैक्रों मेरी हत्या करवाना चाहते हैं, इसमें इजरायली व्यक्ति शामिल है; अमेरिकी महिला लेखक का गंभीर आरोप

Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel