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Pakistan Crisis: पाकिस्तान में गहराया संकट! आईएमएफ शर्तें और बढ़ा सकती हैं मुश्किलें, विशेषज्ञ ने कहा

Pakistan: आर्थिक संकट के बीच शहबाज शरीफ सरकार मंगलवार को एक सहायता पैकेज के लिये वॉशिंगटन स्थित IMF के साथ अहम वार्ता शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि इसमें (बातचीत में) मितव्ययिता की “कठिन और संभवतः राजनीतिक रूप से जोखिम भरी” पूर्व-शर्तें जुड़ी हो सकती हैं जो एक बड़े राजनीतिक संकट को जन्म दे सकती है.

Pakistan Crisis: घटता विदेशी मुद्रा भंडार, राष्ट्रव्यापी बिजली कटौती, सरकार द्वारा संचालित खाद्य वितरण केंद्रों पर अफरा-तफरी तथा भगदड़ और पाकिस्तानी रुपये में एक साल के अंदर आई भारी गिरावट ने पाकिस्तान को उस स्थिति में पहुंचा दिया है जहां उसके लिये अंतरराष्ट्रीय कर्ज चुकाना बेहद मुश्किल हो गया है. भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्षेत्र के लिये गंभीर परिणाम हो सकते हैं. पाकिस्तानी रुपये में बीते एक साल में करीब 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है और सोमवार को एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 262 पाकिस्तानी रुपये रही.

सरकार सहायता पैकेज के लिये वॉशिंगटन स्थित (आईएमएफ) के साथ अहम वार्ता शुरू करेगी

उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के बीच शहबाज शरीफ सरकार मंगलवार को एक सहायता पैकेज के लिये वॉशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ अहम वार्ता शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि इसमें (बातचीत में) मितव्ययिता की “कठिन और संभवतः राजनीतिक रूप से जोखिम भरी” पूर्व-शर्तें जुड़ी हो सकती हैं जो एक बड़े राजनीतिक संकट को जन्म दे सकती है. भारत के लिए जोखिम केवल क्षेत्र में बढ़ते चरमपंथ के साथ पाकिस्तान में अस्थिरता ही नहीं होगी बल्कि अप्रत्याशित कार्रवाई भी होगी जिसमें बाहरी दुश्मन पर ध्यान केंद्रित करके घरेलू जनता का ध्यान हटाने की कोशिशें शामिल हो सकती हैं.

”मौजूदा आर्थिक संकट पहले से जारी जनीतिक संकट को बढ़ा रहा”

पाकिस्तान में भारत के पूर्व दूत रहे टीसीए राघवन ने कहा, “मौजूदा आर्थिक संकट पहले से जारी जनीतिक संकट को बढ़ा रहा है (जहां इमरान खान की अगुआई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने नए चुनाव कराने के लिए दो प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर दिया है)…आईएमएफ द्वारा धन जारी करने के लिए जिन शर्तों को लागू करने की संभावना है, वे निश्चित रूप से अल्पकालिक मुश्किलों का एक बड़ा कारण बनेंगी, जिसका राजनीतिक असर हो सकता है.”

पाकिस्तान के सात अरब डॉलर के IMF पैकेज के वितरण को पिछले नवंबर में रोक दिया गया

पाकिस्तान के सात अरब डॉलर के आईएमएफ ‘बेल-आउट’ (स्वतंत्रता के बाद से 23वां) पैकेज के वितरण को पिछले नवंबर में रोक दिया गया था क्योंकि वैश्विक ऋणदाता ने महसूस किया था कि देश ने अर्थव्यवस्था को सही आकार देने के लिए राजकोषीय और आर्थिक सुधारों की दिशा में पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 4.34 अरब डॉलर (एक साल पहले के 16.6 अरब डॉलर से) रह गया है, जो मुश्किल से तीन सप्ताह की आयात जरूरतों के लिए पर्याप्त है जबकि उसका दीर्घावधि कर्ज बढ़कर 274 अरब डॉलर हो गया है, जिसमें इस तिमाही में करीब आठ अरब डॉलर का पुनर्भुगतान किया जाना भी बाकी है.

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