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जैसिंडा अर्डर्न की जगह ले सकते हैं क्रिस हिपकिंस, बनेंगे न्यूजीलैंड के अगले पीएम! जल्द हो सकती है घोषणा

क्रिस हिपकिंग साल 2008 में पहली बार सांसद चुने गए थे. साल 2020 में उन्हें पहली बार मंत्री पद दिया गया था. अभी वो पुलिस, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा मंत्री हैं. जैसिंडा अर्डर्न के इस्तीफे के बाद क्रिस हिपकिंस पीएम की दौड़ में सबसे आगे हैं

न्यूजीलैंड में जैसिंडा अर्डर्न के इस्तीफे के बाद क्रिस हिपकिंस का अगला पीएम बनना तय माना जा रहा है. सियासी संकट के बीच लेबर पार्टी की ओर से कहा गया है कि क्रिस हिपकिंस बतौर लेबर पार्टी के नेता और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में काम करने के लिए पूरी तरह तैयार है. बयान में यह भी कहा गया है कि कल यानी रविवार को लेबर पार्टी के 64 सांसदों की बैठक में क्रिस हिपकिंस के नाम की घोषणा हो सकती है.

रेस में सबसे आगे हिपकिंस: क्रिस हिपकिंग साल 2008 में पहली बार सांसद चुने गए थे. साल 2020 में उन्हें पहली बार मंत्री पद दिया गया था. अभी वो पुलिस, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा मंत्री हैं. जैसिंडा अर्डर्न के इस्तीफे के बाद क्रिस हिपकिंस पीएम की दौड़ में सबसे आगे हैं, या वो एकमात्र उम्मीदवार है. गौरतलब है कि न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने अचानक से सबको चौंकाते हुए 19 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

सांसद के रूप में काम करती रहेंगी अर्डर्न: अपने इस्तीफे से कुछ समय पहले लेबर पार्टी के रिट्रीट से बोलते हुए जैसिंडा अर्डर्न ने कहा था कि उनके लिए यही समय है. अर्डर्न ने कहा कि उनके पास अगले चार साल के लिए कुछ पर्याप्त नहीं है. अर्डर्न ने कहा कि वह अप्रैल तक स्थानीय सांसद के रूप में बनी रहेंगी. उन्होंने कहा कि वो अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करेंगी.

2017 में अर्डर्न ने संभाला था पद: जैसिंडा अर्डर्न ने साल 2017 में न्यूजीलैंड में सत्ता की कमान संभाली थी. वो न्यूजीलैंड की तीसरी महिला पीएम थीं. अर्डर्न का अचानक इस्तीफे का फैसला कई लोगों के लिए चौंकाने वाला फैसला है. बता दें, 2017 में अर्डर्न का सत्ता में आना न्यूजीलैंड की राजनीति में एक गेम चेंजर था. और अब उनके सत्ता छोड़ने का फैसली भी सबको चौंका रहा है. ऐसे में कई जानकार इसे अक्टूबर में होने वाले चुनाव के लिए गेम चेंजर मान रहे हैं.

इससे पहले पूर्व नेशनल प्रधानमंत्री जॉन की ने 2016 में इसी तरह का काम किया था, जब उन्होंने जैसा अर्डर्न ने कहा उसी तरह ‘मेरे पास अब पर्याप्त नहीं है’ कहकर सभी को आश्चर्यचकित करते हुए सता बिल इंग्लिश के हवाले कर दी थी. इंग्लिश और नेशनल ने वास्तव में अगले वर्ष के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया, 44 फीसदी वोट प्राप्त किए. समीकरण कुछ ऐसे थे कि नेशनल सरकार बनाने में असमर्थ रहे और अर्डर्न प्रधानमंत्री बन गईं.
भाषा इनपुट के साथ

Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

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