इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज कहा कि श्रीनगर की सडकों पर लोगों द्वारा पाकिस्तानी झंडा लहराया जाना कश्मीरियों और पाकास्तिानियों के बीच ‘गहरे और लंबे समय के भावनात्मक संबंध’ को दर्शाता है. कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी की रैली में पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी और झंडे लहराए जाने पर प्राथमिकी दायर होने पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए विदेश कार्यालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि यह एक अफसोसजनक कदम है. गौरतलब है कि गिलानी की गैर कानूनी गतिविधियों को लेकर उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.
असलम ने कहा कि भारत ने शांतिपूर्ण सभा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के खिलाफ बल प्रयोग करने का विकल्प चुना.उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कश्मीरी नेतृत्व के खिलाफ आरोप फर्जी और गैर कानूनी हैं क्योंकि भारत के पास कश्मीर के लोगांे को भारत के प्रति जुडाव दिखाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. कश्मीर के लोग विवादित क्षेत्र से हैं और उनका आखिरी समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक होना बाकी है.’’ असलम ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के मूल अधिकारों के लगातार उल्लंघन को लेकर चिंतित है और यह उन्हें पूरा नैतिक, राजनीतिक तथा कूटनीतिक समर्थन देने के लिए निरंतर सैद्धांतिक रुप से खडा रहेगा.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और वर्किंग बाउंड्री के उल्लंघनों पर अतीत में चिंता जताई है तथा इसे भारत के समक्ष विभिन्न द्विपक्षीय तंत्रों के जरिए उठाया है. एक अन्य सवाल के जवाब में असलम ने कहा कि पाकिस्तान का भारत को द्विपक्षीय प्रस्ताव स्ट्रेटेजिक रेस्ट्रेन रिजीम (एसआरआर) एक सकारात्मक प्रतिक्रिया के बगैर 1999 से लंबित पडा हुआ है.
