Video: यज्ञ का तात्पर्य है- त्याग, बलिदान, शुभ कर्म. अपने प्रिय खाद्य पदार्थों एवं मूल्यवान सुगंधित पौष्टिक द्रव्यों को अग्नि एवं वायु के माध्यम से समस्त संसार के कल्याण के लिए यज्ञ द्वारा वितरित किया जाता है. वायु शोधन से सबको आरोग्यवर्धक सांस लेने का अवसर मिलता है. यज्ञ काल में उच्चरित वेद मंत्रों की पुनीत शब्द ध्वनि आकाश में व्याप्त होकर लोगों के अंतःकरण को सात्विक एवं शुद्ध बनाती है. धर्म शास्त्रों के अनुसार यज्ञ की रचना सर्वप्रथम परमपिता ब्रह्मा ने की. यज्ञ का संपूर्ण वर्णन वेदों में मिलता है. धर्म ग्रंथों में अग्नि को ईश्वर का मुख माना गया है, इसमें जो कुछ खिलाया जाता है, उसे आहूति कहने है. वास्तव में यह ब्रह्मभोज है. यज्ञ के मुख में आहूति डालना, परमात्मा को भोजन कराना है. नि:संदेह यज्ञ में देवताओं की आवभगत होती है.
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Video: लक्ष्मीनारायाणा का मतलब भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी होता है. लक्ष्मी नारायण महायज्ञ आपको भौतिक संपदा और प्रचुरता का आह्वान करने में मदद करता है. आइए जानते है महायज्ञ में आहुतियां क्यों दी जाती है.
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Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.
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