रजनीश आनंद, प्रभातखबर.कॉम
झारखंड की सामाजिक संरचना को देखें, तो हम पायेंगे कि यहां कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अधिक क्रियाशील हैं और परिवार की जिम्मेदारियों को बखूबी अपने कंधों पर उठा रही हैं. वे न सिर्फ घर की जिम्मेदारी उठा रहीं हैं, बल्कि पैसा कमाकर भी घर ला रही हैं. बावजूद इसके झारखंड में महिलाओं के प्रति हिंसा की खबरें आम हैं. महिला हिंसा के जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें शामिल हैं मानव व्यापार, घरेलू हिंसा, बाल विवाह, डायन हत्या, दहेज प्रताड़ना, कन्या भ्रूण हत्या, परित्यक्ता, बहुपत्नी, प्रलोभन/बेमेल विवाह, छेड़खानी/बलात्कार, पलायन, बाल मजदूरी और भूमि विवाद.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को अगर सही मानें, तो हर 30 में से एक महिला बलात्कार या अन्य प्रकार की हिंसा से पीड़ित है. महिलाओं के साथ इस तरह की हिंसा न सिर्फ घर में बल्कि घर के बाहर और कार्यस्थल पर भी देखने को मिल रही हैं.
महिलाओं के साथ हो रही इस तरह की हिंसा से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसे नाम दिया गया है ‘वन बिलियन राइजिंग कैंपेन’ अर्थात उमड़ते सौ करोड़ की आवाज. इस कैंपेन को संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से विभिन्न देशों में चलाया जा रहा है. महिला हिंसा का विरोध करने के लिए विश्व के 207 देशों में यह अभियान चलाया जा रहा है. झारखंड में महिला सामाख्या गैरसरकारी संगठन प्रेरणा भारती और फेम के सहयोग से इस अभियान को पंचायत स्तर पर चला रही हैं. इस अभियान की शुरुआत 25 नवंबर से हुई है और यह आठ मार्च महिला दिवस तक चलेगा. इस अभियान का मुख्य संदेश है ‘उठो एवं न्याय के लिए नाचो’. इस अभियान से जुड़कर सभी देश अपने-अपने मुद्दों के आधार पर कार्य कर रहें हैं. महिला सामाख्या के सहयोग से गांव की महिलाएं महिला हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर धरना, प्रदर्शन, गोष्ठी, हस्ताक्षर अभियान एवं नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को जागरूक कर रहीं हैं. इस अभियान से महिलाओं, किशोर, किशोरियों, पुरुषों एवं विभिन्न संगठनों को जोड़ना सामाख्या का उद्देश्य है. अभियान की सफलता के लिए महिला सामाख्या और उसकी सहयोगी संस्थाएं पंचायत प्रतिनिधि, धार्मिक गुरु, जातीय पंचायत, सेवा प्रदात्ता, मीडिया, विद्यार्थी नेटवर्क, शिक्षक, संस्था, प्रशासन, वकील एवं राजनीतिक दलों को इस अभियान से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं.
महिला सामाख्या और उसकी सहयोगी संस्थाएं इस अभियान के जरिये समाज से महिला हिंसा के खिलाफ जागरुकता फैलाना चाहतीं हैं. साथ ही उनका उद्देश्य यह भी है कि बेटा-बेटी दोनों को बचपन से ही नैतिक शिक्षा दी जाये, ताकि वे महिलाओं का सम्मान करें और महिला हिंसा को भविष्य में बढ़ावा ना दें. इस अभियान के तहत पोस्को कानून के बारे में भी किशोर-किशोरियों को जानकारी दी जा रही है, ताकि उनसे कोई ऐसी गलती न हो जाये, जिसके कारण उन्हें यौन हिंसा का शिकार होना पडे.
अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत स्तर पर महिलाएं अपने प्रयासों से आंकड़ों, चित्र, स्लोगन एवं सहायक सामाग्री को एकत्र कर रहीं हैं. साथ ही अभियान की सफलता के लिए जिला, संकुल, प्रखंड, समिति और फेडरेशन सदस्यों को शामिल कर रहीं और हर स्तर पर कार्यक्रम और गतिविधि तय कर रहीं हैं.
महिला सामाख्या से जुड़ी रांची जिला की साधन सेवी अंशु एक्का ने बताया कि फिलहाल यह अभियान रांची जिले के 11 प्रखंडों में चलाया जा रहा है. जिसमें शामिल हैं रांची सदर, मांडर, बुढ़मू, चान्हो, बेड़ो, खलारी, ओरमांझी, रातू, इटकी, नगड़ी और लापुंग.
बेड़ो प्रखंड में संकुल स्तर पर कार्य करने की योजना है. यहां महिला हिंसा का विरोध करने के लिए करकरी, बेड़ो, जामडोली, दांदूपाड़ा और बेड़ो में परिचर्चा, विचार गोष्ठी, हस्ताक्षर रैली एवं महारैली का आयोजन किया जायेगा. उसके बाद ज्ञापन सौंपा जायेगा. नगड़ी में प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम चलाया जायेगा. यहां पांडू एवं प्रखंड मुख्यालय में हस्ताक्षर अभियान, परिचर्चा और रैली के जरिये महिला हिंसा का विरोध किया जायेगा.
रातू प्रखंड में पंचायत और प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा और बडकाटोल, प. तारूप, गुडू, बाजपुर, हुरहुरी, बिजुलिया, काठीटांड और लहना में जनजागरूकता अभियान चलाया जायेगा. ओरमांझी में संकुल और प्रखंड स्तर पर सिमराकोचा, बरवे, बसाती, सिलदीरी और ओरमांझी में परिचर्चा, विचारगोष्ठी, हस्ताक्षर अभियान, रैली के जरिये लोगों को जागरूक किया जायेगा.
बुढ़मू में संकुल स्तर पर कोटारी, मक्का, उमेडंडा, सारले, ठाकुरगांव, गुरुगांई, बरौदी, बाडे, तुरमुली और हेसलपीडी में परिचर्चा, विचार गोष्ठी, रैली एवं हस्ताक्षर अभियान के जरिये महिलाएं अभियान को सफल बनाने का प्रयास करेंगी.
खलारी प्रखंड में यह अभियान संकुल और प्रखंड स्तर पर चलाया जायेगा. बुकबुका बनमे और खलारी हाई स्कूल में विचार गोष्ठी, हस्ताक्षर अभियान और पोस्को कानून की जानकारी देकर जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा.
रांची सदर इलाके में संकुल स्तर पर हस्ताक्षर अभियान और चर्चा-परिचर्चा के जरिये अलबर्ट एक्का चौक, कोकर, हिनू, डोरंडा, कडरू, नाजिर अली लेन, चुटिया और कांटाटोली में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
अंशु ने बताया कि उमड़ते सौ करोड़ की आवाज अभियान का उद्देश्य ना सिर्फ हिंसा का विरोध करना है, बल्कि लोगों को यह बताना है कि अगर वे हिंसा होते हुए देखकर चुप हैं, तो यह भी एक तरह की हिंसा ही है. इसलिए इस अभियान से पुरुषों को भी जोड़ा जा रहा है.
वन बिलियन राइजिंग कैंपेन की शुरुआत 12 फरवरी को हुई थी. 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के अवसर पर पूरे विश्व में इस अभियान के तहत विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, ताकि प्रेम के बदलते स्वरूप के कारण महिलाएं यौन हिंसा का शिकार न बनें. इस वर्ष भी 14 फरवरी को विशेष जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इसके अतिरिक्त आठ मार्च को विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.