
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के क्यूबा दौरे पर फिदेल कास्त्रो ने अपनी चुप्पी खत्म कर दी है. उनकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार हो रहा था.
फिदेल कास्त्रो ने कहा है ‘क्यूबा को ‘साम्राज्य’ से किसी तोहफ़े की ज़रूरत नहीं है.
क्यूबाई नेता ने एक लंबा पत्र लिखा है जो वहां के सरकारी अख़बार ग्रानमा में छपा है.
89 साल के फिदेल एक दशक पहले अपने भाई राउल कास्त्रो को क्यूबा की सत्ता सौंप चुके हैं.
पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति ओबामा की मेल मिलाप वाली बातों को ‘खुशामदी’ बताते हुए कहा है इससे क्यूबा के लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है.
ओबामा ने कहा था, "अब वक्त आ गया है कि अमरीका के शीत युद्ध के अवशेषों को दफ़न कर दिया जाए."

करीब 1500 शब्दों के अपने पत्र में फिदेल कास्त्रो ने 1961 के बे ऑफ पिग्स इनवेज़न की याद दिलाई है.
तब सीआईए के समर्थन वाली क्यूबा के निर्वासितों के अर्धसैनिक बल ने इस द्वीप पर क़ब्ज़े की कोशिश की थी.
हालांकि 89 साल के फिदेल कास्त्रो ने ये भी कहा है कि ओबामा ने, ”क्यूबा की राजनीति के बारे में नीतियां विकसित करने की कोशिश नहीं की है.’’
फिदेल कास्त्रो ने क्यूबा पर अमरीकी कारोबार रोक को हटाने की भी मांग की है.
ये रोक 1954 से ही चली आ रही है और इसे सिर्फ़ अमरीकी संसद के जरिए ही हटाया जा सकता है.
क्यूबा में 1959 की कम्युनिस्ट क्रांति के बाद पहली बार कोई अमरीकी राष्ट्रपति यहां आया.
राष्ट्रपति ओबामा ने पिछले हफ़्ते क्यूबा यात्रा के दौरान हवाना से राष्ट्रीय टीवी पर क्यूबा के लोगों को संबोधित भी किया.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)