ब्रिटेन में एक महिला को पुलिस की गोली लगने के बाद जब यह लगा कि वह मर जाएंगी और उसने यही सवाल पुलिस से पूछा तो एक ऑफ़िसर ने जवाब दिया कि ‘नहीं, ये सिर्फ़ बच्चे पैदा करने जैसा है.’
यह बात मौत के कारणों पर हुई न्यायिक जांच में सामने आई है.
छापे के दौरान गोली लगने के बाद डोरोथी ग्रोस नाम की महिला के शरीर ने धड़ के नीचे काम करना बंद कर दिया था.
यह बात साल 2011 की है जब पुलिस ने डोरोथी ग्रोस के बेटे की तलाश में छापे मारे थे.
‘ख़ून बहता रहा..’
ग्रोस ने अपने बयान में कहा था कि उनके जिस्म से ख़ून बह रहा था लेकिन पुलिस उन पर चिल्लाती रही.
वो बार-बार पूछते रहे कि क्या उन्हें उनके बेटे माइकल के बारे में पता है. पुलिस एक डकैती के सिलसिले में उनके बेटे को तलाश कर रही थी.
डोरोथी ग्रोस के घर पर पड़े पुलिस छापे के बाद ब्रिक्सटन के दंगे हुए थे. दंगों में काफ़ी लोग घायल हुए थे और 200 से अधिक लोगों की गिरफ़्तारी हुई थी.
ग्रोस ने बयान में कहा था कि जब उन्होंने शोर सुना तो उन्हें लगा कि उनकी बेटी को मिर्गी का दौरा पड़ा है.
लेकिन तभी कई पुलिस अधिकारी उनके बेडरूम में घुसे और उन्हें धक्का देकर एक तरफ गिरा दिया. एक पुलिस वाले ने उन पर गोली चला दी.
उन्होने बयान में कहा था, "वो मेरी तरफ़ बंदूक़ ताने थे. उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा."
‘लगा कि डाका पड़ा है..’
बयान में कहा गया था कि उन्हें लगा कि उनके घर में डाका पड़ा है पर फिर उन्हें अहसास हुआ कि वो लोग पुलिस अधिकारी हैं.
ग्रोस को गोली लगने के बाद कमरे में मौजूद उनका 11 साल का बेटा ली लारेंस चिल्लाने लगा.
उसके बाद एक पुलिस अधिकारी ने झुककर उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया और फिर एंबुलेंस के लिए अपने वाकी टॉकी पर बोला.
अब इस बात की जांच हो रही है कि ग्रोस को किन हालात में गोली लगी.
इस मामले में 40 और गवाह बुलाए जाएंगे.
उन पर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारी पर मुक़दमा चलाया गया, लेकिन वह बाद में छूट गए.
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