लंदन: पश्चिमी लंदन के लाटिमर रोड स्थित ग्रेनफेल टावर में मंगलवार की रात जब आग लगी, तो उस समय ज्यादातर लोग रमजान के मौके पर सहरी के लिए जगे हुए थे. कुछ परिवार सो रहे थे. आग ने 15 मिनट के भीतर आधे से ज्यादा इमारत को अपनी चपेट में ले लिया. आशंका है कि 24 मंजिली इस इमारत के ऊपरी तीन फ्लोर का कोई परिवार नहीं बचा है. करीब 75 लोग लापता हैं.
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आग की लपटों से घिरे करीब दस साल के एक बच्चे ने तो 22वीं मंजिल से छलांग लगा दी, जिसे लोगों ने बचा लिया. प्रत्यक्षदर्शी समीरा लामरानी ने जो वाकया सुनाया, वह दिल दहलानेवाला है. समीरा ने बताया कि जलती इमारत की नौंवी या दसवीं मंजिल से एक महिला ने अपने बच्चे को फेंका, जिसे बाहर खड़े एक व्यक्ति ने कैच कर लिया. इमारत में रहनेवाली तमारा घटना के वक्त बाहर थीं.
वह बताती हैं, एक बजे के आसपास मेरी मां ने मुझे फोन किया और कहा कि शायद बाहर आग लगी है. जब तक मैं वहां पहुंची, इमारत का बायां हिस्सा पूरी तरह जल चुका था और दाहिने हिस्से में आग बढ़ रही थी. पूरी इमारत ही आग की लपटों में घिरी थी. हर तरफ एक ही आवाज आ रही थी- हेल्प मी, हेल्प मी, हेल्प मी. मैं, मेरा भाई और हम कुछ लोग जो इसी इलाके में रहते हैं, इमारत के उस हिस्से तक पहुंचे, जहां हम नजदीक जा सकते थे. मैंने देखा – लोग खिड़कियों से अपने बच्चों को बाहर फेंक रहे थे. वो कह रहे थे- बस, मेरे बच्चों को बचा लो. वहां फायर ब्रिगेड थी, पुलिस एंबुलेंस थी. लेकिन, कोई कुछ कर नहीं पा रहे था, क्योंकि वो अंदर जा नहीं पा रहे थे. वो कह रहे थे कि जहां हो, वहीं रहो. हम फिर आकर आपको निकालेंगे. लेकिन, आग ज्यादा तेजी से फैल रही थी, उनके पास काम बहुत था, वो जल्दी लौट नहीं पाये. और 15 मिनटों में पूरी इमारत धू-धू कर जलने लगी. लोग अब भी खिड़कियों पर खड़े चीख रहे थे- हेल्प मी, हेल्प मी.
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सातवीं मंजिल से बच कर निकले पॉल ने बताया कि मैंने इमारत के नीचे देखा, लोग चीख रहे थे. वो दूसरों से कह रहे थे, ‘नीचे मत कूदो, इमारत से नीचे मत कूदो.’ सच कहूं, तो मुझे नहीं पता कि क्या वाकई लोग अपनी जान बचाने के लिए इमारत से नीचे कूद रहे थे या नहीं. लेकिन, इस घटना के बारे में मैं कह सकता हूं कि इमारत के फायर अलार्म बजे ही नहीं.
खिड़कियों से टॉर्च जला कर मदद की गुहार लगायी
इमारत में रहनेवाली मार्टिन ने बताया कि मेरे चारों ओर इमारत के टुकड़े गिर रहे थे, अचानक मैं एक गर्म मेटल के टुकड़े से टकरायी. मैं बस लोगों पर चीख रही थी कि वो बाहर निकलें. और वो लोग मुझे चिल्ला कर बता रहे थे कि कॉरिडोर में धुंआ भर गया है. इमारत में फायर ब्रिगेड पहुंच चुकी थी. लेकिन, मुझे नहीं लगता कि वो लोग चौथी मंजिल से ऊपर भी गये होंगे, क्योंकि शायद ऐसा करना असंभव हो गया होगा. लोग अपनी खिड़कियों से अपने फोन की टॉर्च जला कर दिखा रहे थे. टावर में अलार्म नहीं था.
तीसरी मंजिल में खराब फ्रीज से निकली चिनगारी
प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि सबसे पहले आग तीसरी मंजिल के एक फ्लैट मेंं लगी. इस फ्लैट में एक खराब फ्रीज से चिनगारी निकली थी, जिसने 15-20 मिनट में पूरी इमारत को अपने चपेट में ले लिया. लोगों ने फायर ब्रिगेड को बुलाया, जो करीब 20 मिनट में वहां पहुंच गया. हालांकि करीब दस घंटे बाद भी आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका.
मंदिर, मसजिद और गुरुद्वारे आगे आये
भीषण अग्निकांड में प्रभावितों की मदद के लिए मसजिदों, गुरुद्वारों व गिरिजाघरों ने अपने दरवाजे खोल दिये हैं. सिख परोपकारी हरजिंदर कुकरेजा ने बताया कि लंदन के गुरुद्वारों ने ग्रेनफेल टावर के लोगों के लिए कपड़े और भोजन आदि सामान जुटाना और बांटना शुरु कर दिया है. इमारत से बाहर निकले लोगों के पास सिर्फ अपने बदन पर कपड़े भर बचे हैं.