…आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं, ये है जनता कर्फ्यू… यानी जनता के लिए… जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू…’’ जब एक आवाज पर 22 मार्च 2020 को ठहर गया था देश… बिना कहे खुद को घरों में कैद किया था हमने…पीएम मोदी की इस अपील से हर जगह सन्नाटा फैला था. .सोसाइटी से लेकर दफ्तर तक कोई आहट नहीं.. सभी अपने घरों में बंद थे, क्योंकि चीन से आए कोरोना नामक वायरस की तबाही को रोकने के लिए न कोई वैक्सीन थी न कोई दवा. जरिया बस एक ही था लॉकडाउन. आज इस जनता कर्फ्यू के एक साल हो चुके हैं.
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जनता कर्फ्यू के 1 साल, जब चीनी वायरस से डरा देश, एक अपील पर थम गया हर कुछ
...आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं, ये है जनता कर्फ्यू… यानी जनता के लिए… जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू...’’ जब एक आवाज पर 22 मार्च 2020 को ठहर गया था देश... बिना कहे खुद को घरों में कैद किया था हमने...
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